Up Kiran, Digital Desk: भारत और अफ्रीका के बीच दोस्ती का रिश्ता अब कारोबार की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया है कि दोनों के बीच व्यापार 100 अरब डॉलर को पार कर गया है, जो कि महज 5 साल पहले 56 अरब डॉलर था। यह लगभग दोगुनी बढ़ोतरी दोनों क्षेत्रों के बीच बढ़ते भरोसे और सहयोग को दर्शाती है।
यह सिर्फ व्यापार तक ही सीमित नहीं है। भारत, अफ्रीका में 75 अरब डॉलर से ज़्यादा के निवेश के साथ, वहां के टॉप पांच निवेशकों में से एक बन गया है। इस निवेश से अफ्रीका के विकास में मदद मिल रही है और वहां के लोगों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि भारत ने अफ्रीका को 12 अरब डॉलर से ज्यादा का रियायती कर्ज और 700 मिलियन डॉलर की अनुदान सहायता भी दी है। इसके अलावा, अफ्रीका के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए 50,000 स्कॉलरशिप की पेशकश की गई है, जिनमें से 42,000 का इस्तेमाल भी हो चुका है।
भारत की विदेश नीति में अफ्रीका हमेशा से एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। इसी रिश्ते को और मजबूती देते हुए, भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दिलाई गई। मंत्री ने कहा, "हम मानते हैं कि दुनिया के मंच पर अफ्रीका को उसका सही स्थान मिलना ही चाहिए।"
भारत हमेशा मुश्किल समय में अफ्रीका के साथ खड़ा रहा है, चाहे वह मोजाम्बिक, मेडागास्कर या अन्य देशों में राहत अभियान चलाना हो। अब दोनों देश मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जो आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित है।
इतना ही नहीं, जिम्बाब्वे जैसे अफ्रीकी देशों ने भारतीय कंपनियों को लिथियम माइनिंग (जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी है), कृषि, फार्मा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। यह दिखाता है कि अफ्रीका के विकास की कहानी में भारत एक भरोसेमंद साथी बनकर उभर रहा है।
_614816177_100x75.png)

_183382043_100x75.png)
_1812261395_100x75.png)
_917955030_100x75.png)