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Up Kiran, Digital Desk: आज के बच्चे कल का भविष्य हैं, और इस भविष्य को सँवारने के लिए उनमें दुनिया को समझने और समस्याओं को सुलझाने की काबिलियत होनी चाहिए। इसी सोच को हकीकत में बदलते हुए जैन इंटरनेशनल रेज़िडेंशियल स्कूल (JIRS) में JIRSMUN कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यह एक ऐसा मंच था, जहाँ बच्चों ने दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं की तरह ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की।

क्या था यह कार्यक्रम: यह मॉडल यूनाइटेड नेशंस (MUN) कॉन्फ्रेंस का एक रूप था, जहाँ बच्चे अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि बनकर अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बहस करते हैं। इस साल की थीम थी- "Dialogue, Debate, and Diversity" यानी बातचीत, बहस और विविधता। इस कार्यक्रम का मकसद बच्चों को यह सिखाना था कि कैसे आपसी बातचीत और सूझबूझ से बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।

स्कूल की डायरेक्टर प्रिंसिपल, सुश्री अनिता, ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि ऐसी बहसें सिर्फ़ चर्चा के लिए नहीं होतीं, बल्कि यह बच्चों को दुनिया की समस्याओं को समझने और उनका हल ढूंढने के लिए तैयार करती हैं।

बच्चों ने की इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा

कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग कमेटियाँ बनाई गई थीं, जहाँ बच्चों ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया:

DISEC (Disarmament and International Security Committee): यहाँ बच्चों ने प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों (जैसे के सैनिक) से दुनिया की सुरक्षा को होने वाले ख़तरों पर चर्चा की।

UNHRC (United Nations Human Rights Council): इस कमेटी में जलवायु परिवर्तन की वजह से लोगों को अपना घर-बार छोड़कर दूसरी जगह जाने की मज़बूरी जैसे गंभीर मानवाधिकार मुद्दे पर बहस हुई।

International Press: यहाँ कुछ बच्चों ने पत्रकारों की भूमिका निभाई, जो इन बहसों को कवर कर रहे थे और सवाल-जवाब कर रहे थे।

यह कॉन्फ्रेंस सिर्फ़ एक इवेंट नहीं था, बल्कि बच्चों के लिए एक सीखने का सुनहरा मौक़ा था, जहाँ उन्होंने दुनिया की जटिल समस्याओं को समझा, अपनी बात रखना सीखा और यह जाना कि कैसे अलग-अलग सोच और संस्कृति के लोग मिलकर एक बेहतर दुनिया बना सकते हैं।