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Up kiran,Digital Desk : भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा टी20 मैच सिर्फ हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि एक अजीबोगरीब फैसले के लिए याद रखा जाएगा। सीरीज अब 1-1 से बराबर है, लेकिन फैंस और क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गजों के मन में एक ही सवाल है - आखिर टीम इंडिया ने अपने कप्तान सूर्यकुमार यादव को बचाने के लिए अक्षर पटेल को नंबर तीन पर क्यों भेजा?

मैदान पर हुआ क्या था?

कहानी शुरू होती है जब भारत 214 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरा। पहले ही ओवर में शुभमन गिल बिना खाता खोले आउट हो गए। सबको लगा कि अब कप्तान सूर्यकुमार यादव क्रीज़ पर आएंगे और पारी को संभालेंगे। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब सूर्या की जगह अक्षर पटेल को बल्लेबाज़ी के लिए भेज दिया गया।

यह फैसला पूरी तरह से उलटा पड़ा। अक्षर ने 21 गेंदों पर धीमी गति से सिर्फ 21 रन बनाए, जिससे भारत पर दबाव और बढ़ गया। बाद में आए सूर्यकुमार यादव भी सिर्फ 5 रन बनाकर चलते बने। नतीजा? भारत 51 रनों से मैच हार गया।

तो फिर ऐसा क्यों किया गया? बड़ा सवाल!

अब सवाल उठता है कि टीम मैनेजमेंट ने ऐसा क्यों किया? जवाब शायद सूर्यकुमार की खराब फॉर्म में छिपा है। 2025 का साल सूर्या के लिए टी20 में किसी बुरे सपने जैसा रहा है। वह 19 मैचों में सिर्फ 14 की मामूली औसत से 201 रन ही बना पाए हैं। दुनिया का पूर्व नंबर एक टी20 बल्लेबाज़ आज अपनी लय ढूंढ़ने के लिए संघर्ष कर रहा है। शायद इसी वजह से टीम ने उन्हें नई गेंद के सामने भेजने से बचाने की कोशिश की।

दिग्गजों ने उठाए सवाल

रॉबिन उथप्पा: ये कप्तान को बचाने की कोशिश है पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ रॉबिन उथप्पा ने तो इसे सीधे-सीधे कप्तान को बचाने की कोशिश बताया है। उनका कहना है, "जब आप इतने बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे हों, तो आपके सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ को ही ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर आपने अक्षर को तेज़ी से रन बनाने (पिंच-हिटर) के लिए भेजा था, तो उन्हें वैसी ही बल्लेबाज़ी करनी चाहिए थी, न कि 21 गेंदों पर 21 रन बनाने चाहिए थे।" उथप्पा ने साफ कहा कि इस रणनीति में कुछ गड़बड़ है और भारत को इसे जल्द ठीक करना होगा।

डेल स्टेन: यह बहुत बड़ी गलती है

साउथ अफ्रीका के महान गेंदबाज़ डेल स्टेन ने भी इस फैसले को "बहुत बड़ी गलती" बताया। उन्होंने कहा, "सूर्यकुमार आपका सबसे अच्छा बल्लेबाज़ है। उसे ऐसी स्थिति में ऊपर न भेजना समझ से परे है। आपने अक्षर को एक ऐसी मुश्किल स्थिति में डाल दिया, जहां उनकी भूमिका ही साफ नहीं थी। यह बहुत ही अजीब फैसला था।"

अब आगे क्या?

सीरीज अब 1-1 से बराबर खड़ी है और अगला मैच धर्मशाला में होना है। यह मैच अब सिर्फ एक मैच नहीं है, बल्कि यह सूर्यकुमार की फॉर्म, टीम मैनेजमेंट की रणनीति और गौतम गंभीर की कोचिंग की असली परीक्षा होगी। क्या टीम अपनी गलतियों से सीखेगी या फिर ऐसे ही प्रयोग करना जारी रखेगी? इसका जवाब तो अब मैदान पर ही मिलेगा।