img

Madarsa Board: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे मदरसों की जांच का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि सभी धार्मिक शिक्षण संस्थान निर्धारित मानकों और नियमों के अनुसार कार्यरत हों।

हरिद्वार जिले में सरकार ने 30 मदरसों की मान्यता रद्द करने का भी फैसला किया है। यह कार्रवाई उन मदरसों के खिलाफ की जा रही है जो रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं या जिनकी शैक्षणिक गुणवत्ता और अन्य आवश्यकताओं में कमी पाई गई है।

सरकार का कहना है कि यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी शिक्षण संस्थान कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हों और बच्चों को सही और सुरक्षित शिक्षा मिल सके।

मदरसा बोर्ड के प्रमुख मुफ्ती शमून ने कहा कि प्रदेश के सीएम पुष्कर की देखरेख में सरकार सारे मदरसों में एनसीईआरटी के सिलेबस के मुताबिक पढ़ाई सहित कई सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप देकर ऐसे तल्बाह (स्टूडेंट) को मुख्यधारा से जोड़ना मकसद है। इसलिए सारे के सारे मदरसों को मान्यता लेनी चाहिए।

 

--Advertisement--