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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए 7 साल के एक बच्चे को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया है। बच्चे को दिल्ली से अगवा कर हरियाणा ले जाया गया था।

यह पूरी घटना किसी फिल्मी कहानी जैसी लगती है। बच्चे की माँ ने 28 सितंबर को विकासपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा पिछले दिन स्कूल से घर नहीं लौटा। माँ ने शक जताया कि उसके पूर्व लिव-इन पार्टनर अजय वर्मा ने बच्चे को अगवा किया है। अजय हरियाणा के हांसी का रहने वाला है और वह बच्चे की माँ पर वापस उसके साथ रहने का दबाव बनाने के लिए यह सब कर रहा था।

मामला दर्ज होते ही पुलिस तुरंत हरकत में आई। विकासपुरी के एसएचओ राजवीर सिंह और इंस्पेक्टर दीपक दहिया के नेतृत्व में एक खास टीम बनाई गई। टीम ने स्कूल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें दो लोग बच्चे को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए दिखाई दिए।

मुख्य आरोपी, अजय वर्मा, बार-बार अपना फोन बंद कर रहा था ताकि पुलिस उस तक न पहुँच सके। लेकिन पुलिस ने आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया की मदद से उसका पीछा करना जारी रखा।

जल्द ही पुलिस को एक सुराग मिला और अजय वर्मा का एक साथी, जो विकासपुरी में रहता था, पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पता चला कि वर्मा ने उससे इंस्टाग्राम के ज़रिए एक पिस्तौल का इंतजाम करने के लिए कहा था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस को हरियाणा के हांसी में एक फार्महाउस का पता चला, जहाँ वर्मा अपने दो साथियों के साथ बच्चे को छिपाए हुए था।

पुलिस की एक टीम पहले से ही तीन दिनों से हांसी में मौजूद थी। जानकारी मिलते ही टीम ने फार्महाउस पर छापा मारा और बच्चे को सही-सलामत बचा लिया। मौके से अजय वर्मा और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही, दिल्ली वाले साथी अजय को भी पकड़ लिया गया और उसके घर से एक देसी पिस्तौल बरामद हुई, जिसके लिए उस पर अलग से आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया गया है।

कौन-कौन हैं आरोपी?अजय वर्मा (24 साल): मुख्य आरोपी, जो हांसी में मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है।

अमित (18 साल): हिसार का रहने वाला है और टेंट लगाने का काम करता है। इसने वर्मा को छिपने के लिए जगह दी थी।

सचिन (20 साल): एक फैक्ट्री में काम करता है और उसने भी आरोपियों को पनाह दी। उस पर पहले भी हथियार रखने का केस दर्ज है।

अजय (20 साल): दिल्ली में सफाई का काम करता है। इसी ने अपनी बाइक पर अपहरणकर्ताओं को हांसी छोड़ा था।

पुलिस ने बताया कि अजय वर्मा बच्चे की माँ को लेकर बहुत ज़्यादा जुनूनी हो गया था। जब माँ ने उसके खराब और शक्की स्वभाव की वजह से उसे छोड़ दिया, तो उसने बदला लेने और उसे वापस पाने के लिए बेटे को अगवा करने की योजना बनाई। उसने माँ को धमकी भरे मैसेज भी भेजे थे कि अगर वह वापस नहीं आई तो वह बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।

दिल्ली पुलिस की इस शानदार कार्रवाई की हर कोई तारीफ कर रहा है, जिन्होंने कुछ ही दिनों में दिल्ली से लेकर हरियाणा तक फैले इस मामले को सुलझा लिया और बच्चे को सुरक्षित घर पहुँचाया।