
Up Kiran, Digital Desk: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ा और बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब भारतीय, बिना किसी व्यापारिक गतिविधि या संपत्ति खरीदने की शर्त के, देश में 'जीवनभर' की रेजिडेंसी प्राप्त कर सकेंगे। यह ऐतिहासिक फैसला यूएई के महत्वाकांक्षी 'गोल्डन वीज़ा' कार्यक्रम के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर से शीर्ष प्रतिभाओं, कुशल पेशेवरों और निवेशकों को आकर्षित करना है।
पहले, यूएई में लंबी अवधि का निवास पाने के लिए व्यापार स्थापित करना या बड़ी संपत्ति खरीदना अनिवार्य था। लेकिन अब, इस नए नियम के तहत, भारतीय डॉक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, कलाकार, छात्र और निवेशक जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली पेशेवर यूएई में स्थायी रूप से बसने का सपना पूरा कर सकते हैं।
यूएई की सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से मुक्त कर विविधता लाने और वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनने की रणनीति के तहत यह कदम उठा रही है। यह निर्णय यूएई के विकास में भारतीयों के महत्वपूर्ण योगदान को भी मान्यता देता है। यूएई में पहले से ही लाखों भारतीय रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था और समाज का अभिन्न अंग हैं।
यह सुविधा उन भारतीयों के लिए एक बड़ा अवसर है जो यूएई को अपना स्थायी घर बनाना चाहते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो रिटायरमेंट के बाद वहां रहना चाहते हैं या बिना बड़ा निवेश किए एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण की तलाश में हैं। यह कदम न केवल यूएई और भारत के बीच के मजबूत संबंधों को और गहरा करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि यूएई वैश्विक स्तर पर प्रतिभा और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रहे।
कोविड-19 महामारी के बाद, यूएई अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है, और यह 'गोल्डन वीज़ा' पहल उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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