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सीमा पर लंबे समय से जारी तनाव और संघर्ष विराम (सीजफायर) के बीच अब पाकिस्तान के रुख में अचानक नरमी देखने को मिल रही है। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एक बयान जारी कर भारत के साथ बातचीत की संभावना जताई है। यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी समय से ठंडे पड़े हुए हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए संवाद जरूरी है और भारत के साथ सकारात्मक बातचीत की पहल होनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि युद्ध या संघर्ष किसी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि अब समय आ गया है कि दोनों देशों को मिल-बैठकर मुद्दों का हल निकालना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से यह नरम रुख आंतरिक दबावों और वैश्विक मंचों पर बढ़ते दबाव का नतीजा हो सकता है। आर्थिक हालात और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की कोशिश में पाकिस्तान अब शांति की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

हालांकि भारत की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारत पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि बातचीत तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद पर कठोर कदम उठाए और सीमापार से होने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाए।

दोनों देशों के बीच हाल ही में नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर को लेकर सहमति बनी थी, जिसे एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान की तरफ से आए इस बयान को इसी प्रक्रिया की अगली कड़ी माना जा सकता है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस पहल पर किस तरह प्रतिक्रिया देता है और क्या दक्षिण एशिया में एक बार फिर संवाद की नई शुरुआत हो सकती है।
 

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