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Up Kiran, Digital News: बीते कुछ दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव चरम पर था उसमें अब एक नई करवट देखने को मिल रही है। बीती रात बॉर्डर एरिया में शांति बनी रही और कहीं से कोई गड़बड़ी की खबर नहीं आई। यह न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।

भारतीय सेना के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे इलाकों में यह रात "काफी हद तक शांतिपूर्ण" रही। हाल के दिनों में यह पहली बार है जब किसी घटना की खबर नहीं आई। यह संकेत है कि दोनों देशों में कोई सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। एक तरह से देखें तो यह शांत रात बंदूकों की आवाज़ से भरे दिनों के बाद एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकती है।

अमेरिका ने सराहा समझदारी का रास्ता

इस घटनाक्रम के बीच अमेरिकी विदेश विभाग का बयान भी सामने आया है जिसने पूरे घटनाक्रम को एक वैश्विक संदर्भ दे दिया है।

एएनआई से बात करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की समझदारी विवेक और शांति का रास्ता चुनने की राजनीति की सराहना करते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री रुबियो दोनों देशों से पूर्ण युद्धविराम बनाए रखने और सीधे संवाद में शामिल होने का आग्रह करते रहे हैं। भविष्य में संघर्ष को टालने के लिए उत्पादक चर्चाओं को सुविधाजनक बनाने में संयुक्त राज्य अमेरिका अपना समर्थन देना जारी रखेगा।

10 मई: बातचीत और फिर उल्लंघन

पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 10 मई को हुई थी जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर सीजफायर की पेशकश की। इसके बाद दोनों देशों ने सहमति से युद्धविराम लागू किया।

लेकिन अफसोस की बात यह रही कि कुछ ही घंटों बाद सीजफायर का उल्लंघन हुआ। इस पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सख्त प्रतिक्रिया दी और पाकिस्तान से गंभीरता और जिम्मेदारी से हालात संभालने की अपील की।

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