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मध्य पूर्व में सैन्य तनाव बढ़ गया है। ईरान के सुप्रीम नेता अयातोल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि यदि दुश्मन डरेंगे तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे। उनका बयान तेल अवीव पर मिसाइल हमलों के तुरंत बाद आया है। खामेनेई ने स्पष्ट किया कि इजरायल और अमेरिका की हर हरकत का करारा जवाब मिलेगा  ।

खामेनेई ने धार्मिक और राजनीतिक मंच से यह भी कहा कि युद्ध के समय कदम नहीं पीछे हटाए जाएंगे और युद्ध की जरूरत पर वह वापसी नहीं करेंगे। उन्होंने मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट रहने की अपील की  ।

इसी बीच इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के अराक हेवी वाटर रिएक्टर पर हमला किया और वहां मौजूद परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया  । इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कट्ज़ ने खामेनेई को ‘जिंदा न रहने देने योग्य नेता’ तक बताया, यह कहते हुए कि “खामेनेई को अस्तित्व में नहीं रहने दिया जा सकता”  ।

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी घोषणा की है कि जब तक ईरान एक खतरनाक सत्ता बना रहेगा, तब तक आक्रमण जारी रहेगा  । इसी योजना का नाम उन्होंने ‘राइजिंग लायन’ रखा है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके सैन्य विस्तार को समाप्त करने का उद्देश्य रखता है  ।

विशेषज्ञ इस स्थिति को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बेहद घातक मान रहे हैं। तेल अवीव घटना ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि अगर वैश्विक ताकतें मध्यस्थ नहीं बनीं, तो यह संघर्ष व्यापक रूप ले सकता है  ।

स्पष्ट है कि यह तनाव केवल मिसाइलों तक सीमित नहीं रह गया है। दोनों पक्ष अब सीधे-सीधे परमाणु सुविधाओं और सर्वोत्तम नेतृत्व पर निशाना साध रहे हैं। इस स्थिति का अगला चरण क्या होगा, यह पूरी दुनिया की नजर में है, क्योंकि इसके परिणाम व्यापक और गहराई वाले हो सकते हैं।
 

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