
देश की सुरक्षा एजेंसियों को आगरा में चल रहे धर्मांतरण गिरोह की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह का सीधा संबंध पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है। इतना ही नहीं, इस पूरे नेटवर्क की आर्थिक व्यवस्था गोवा की एक महिला आयशा संभाल रही थी, जिसे गिरोह का फंड मैनेजर बताया जा रहा है।
एनआईए और खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आयशा के जरिए इस नेटवर्क को विदेश से नियमित रूप से फंडिंग हो रही थी। इन पैसों का इस्तेमाल युवाओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने, कट्टरता फैलाने और आतंक से जुड़े एजेंडे को बढ़ावा देने में किया जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, गिरोह का मकसद केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके जरिए कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देना और आतंक संगठनों के लिए संभावित स्लीपर सेल तैयार करना भी था।
आगरा और इसके आसपास के इलाकों में कई संदिग्ध गतिविधियां हाल ही में दर्ज की गई थीं, जिसके बाद यह गिरोह जांच के दायरे में आया। आयशा के बैंक ट्रांजैक्शन, डिजिटल पेमेंट्स और इंटरनेशनल कॉल्स की निगरानी से यह स्पष्ट हो गया कि वह लश्कर-ए-तैयबा से निर्देश लेकर काम कर रही थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने आयशा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही, गिरोह से जुड़े अन्य संदिग्धों की भी पहचान की जा रही है।
यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माना जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने और सभी दोषियों को पकड़ने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
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