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IAF: एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एक ताजा बयान में कहा कि इजरायली वायुसेना ने हाल ही में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्ला को निशाना बनाकर जो किया, वही काम भारतीय वायुसेना पहले भी कर चुकी है।
वे 26 फरवरी, 2019 की घटनाओं का जिक्र कर रहे थे- पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्र के खिलाफ बालाकोट हमला। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय वायुसेना के पास नसरुल्लाह के बराबर किसी को खत्म करने की क्षमता है, तो उन्होंने कहा, "हमारे पास बालाकोट में पहले से ही क्षमता है।"
आयरन डोम के बारे में पूछे जाने पर जो इजरायल की मिसाइल रोधी रक्षात्मक प्रणाली है, जिसने ईरान द्वारा दागी गई 180 बैलिस्टिक मिसाइलों में से अधिकांश को रोक दिया, वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारत के पास भी इसी तरह की प्रणाली है और वह और खरीद रहा है। चूंकि भारत इजरायल से बहुत बड़ा देश है, इसलिए अधिक रक्षात्मक विकल्पों की आवश्यकता है। अन्यथा, ये प्राथमिकता तय करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा करने के बारे में होगा।
हाल ही में वायुसेना प्रमुख बने वायुसेना प्रमुख को चिंता इस बात की थी कि स्क्वाड्रन की संख्या में गिरावट आ रही है- अब ये घटकर 30 रह गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स समय पर तेजस विमान के विभिन्न संस्करण उपलब्ध कराएगा। उन्होंने माना कि एचएएल नासिक में दूसरी लाइन तैयार कर रहा है और उम्मीद जताई कि वो हर साल 24 तेजस लड़ाकू विमान बना सकेगा। साथ ही निजी क्षेत्र को भी इसमें शामिल होने की जरूरत पड़ सकती है। अन्यथा कुछ विकल्पों पर विचार करना होगा।