
Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना के मामले में जांच प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि विमान के 'ब्लैक बॉक्स' (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) से मिले डेटा का विश्लेषण वर्तमान में जारी है। इस विश्लेषण से ही दुर्घटना के कारणों का सटीक पता चल पाएगा।
इस मामले पर एक लिखित प्रश्न के जवाब में, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री एम.बी. राजेश ने राज्यसभा को बताया कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) पर हुई इस दुखद घटना की जांच चल रही है। दुर्घटना में शामिल विमान ए320 (VT-EXD) एक एम्बुलेंस फ्लाइट के रूप में संचालित हो रहा था और उसमें कोई यात्री नहीं था। विमान में एक कमांडर, एक फर्स्ट ऑफिसर, एक डॉक्टर और एक पैरामेडिक सहित चार लोग सवार थे।
यह घटना 6 जून, 2024 को घटी थी, जब एयर इंडिया का यह विमान एम्बुलेंस फ्लाइट के रूप में उड़ान भर रहा था। घटना के तुरंत बाद, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने जांच के आदेश दिए थे। ब्लैक बॉक्स डेटा विश्लेषण जांच का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह उड़ान के अंतिम क्षणों से संबंधित सभी तकनीकी और संवादी जानकारी को रिकॉर्ड करता है।
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) विमान के विभिन्न मापदंडों जैसे गति, ऊंचाई, इंजन प्रदर्शन, नियंत्रण सतहों की स्थिति आदि का रिकॉर्ड रखता है। वहीं, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कॉकपिट के भीतर पायलटों और अन्य क्रू सदस्यों के बीच हुई बातचीत के साथ-साथ कॉकपिट के परिवेशी ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है। इन दोनों से मिली जानकारी को एक साथ मिलाकर ही दुर्घटना के कारणों का पूरा चित्र सामने आता है।
मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट पूरी होने पर उसे सार्वजनिक किया जाएगा। इस तरह की जांच का उद्देश्य न केवल दुर्घटना के कारणों का पता लगाना होता है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सिफारिशें करना भी होता है।
--Advertisement--