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Up kiran,Digital Desk : कोडीन कफ सिरप से जुड़े मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट है, जिसमें सैकड़ों कंपनियों की भूमिका सामने आ रही है और हजारों करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका है। अखिलेश का आरोप है कि सरकार इस पूरे मामले से जुड़े अहम तथ्यों को सामने आने से रोक रही है।

लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि इस रैकेट में करीब 700 कंपनियों के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद असली दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने मांग की कि जिन लोगों को सरकार माफिया बता रही है, उनके खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाए, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।

तस्वीरों के जरिए सच्चाई से ध्यान भटकाने का आरोप

अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि कुछ तस्वीरें दिखाकर असली मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने शायराना अंदाज़ में कहा कि आईना तोड़ने से सच्चाई नहीं बदलती। उनका कहना था कि अगर किसी तस्वीर में उनके साथ खड़ा व्यक्ति माफिया बताया जा रहा है, तो वही व्यक्ति मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ भी तस्वीरों में नजर आता है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बच्चों की जान जोखिम में डालकर मुनाफा कमाया गया और फिर अपनों को बचाने की कोशिश की जा रही है। अखिलेश ने यह भी दावा किया कि जब सरकार खुद सवालों में घिरी, तो समाजवादी पार्टी पर आरोप मढ़ने शुरू कर दिए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में भी ऐसे ही एक बड़े नेटवर्क की आशंका जताई।

अमिताभ ठाकुर की आवाज दबाने का आरोप

सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिखाई गई तस्वीर में नजर आने वाले व्यक्ति के पास हजारों वर्गफुट में फैला मकान है, जो माफिया और अधिकारियों के गठजोड़ की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की बात को दबाने के लिए पुलिस द्वारा सीटी बजाई गई, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।

इसके साथ ही अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर संविधान और कानून की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनएफएस जैसी प्रक्रियाओं के जरिए पिछड़े वर्ग और दलित समाज के युवाओं को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है।

1962 की जंग के वीर सैनिकों का सपा ने किया सम्मान

इसी कार्यक्रम के दौरान समाजवादी पार्टी ने 1962 की चीन युद्ध में रेजांग ला पोस्ट पर लड़ने वाले जांबाज सैनिकों को सम्मानित किया। इनमें कैप्टन रामचंद्र यादव, हवलदार नेहाल सिंह, गजेंद्र सिंह सहित 13 कुमायूं रेजीमेंट के कई पूर्व सैनिक शामिल रहे।

सम्मान पाने वाले पूर्व सैनिकों में रमेश कुमार, प्रमोद कुमार, राम किशोर यादव, नौमी लाल यादव, अभिमन्यु, इंद्रजीत यादव, रहीश पाल, पंकज यादव, संतोष कुमार, राम विजय, विपिन कुमार और शरद यादव शामिल थे।

अहीर रेजीमेंट और मिलिट्री स्कूल की मांग

इस अवसर पर अखिलेश यादव ने अहीर रेजीमेंट के गठन की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि यदि अन्य वर्गों की भी मांग है, तो उस पर भी विचार होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश में पांच मिलिट्री स्कूल हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में एक भी नहीं है। लखनऊ, कन्नौज, इटावा और वाराणसी में मिलिट्री स्कूल खोले जाने चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान लोहिया सभागार में फिल्म ‘120 बहादुर’ का प्रोमो भी दिखाया गया। फिल्म देखकर 1962 की जंग के योद्धा रामचंद्र यादव भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि देश के काम आ जाना ही सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शहीदों के शव घर पहुंचाने और सैनिकों के वेतनमान बढ़ाने जैसे अहम फैसले लिए थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि अहीर रेजीमेंट का सपना अखिलेश यादव के नेतृत्व में पूरा होगा।