
Up Kiran, Digital Desk: डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी (BRAOU) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, यहाँ तक कि इसके आधिकारिक लॉन्च से पहले ही। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के. सीताराम लाठर ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय इस नीति को लागू करने के लिए पहले से ही पूरी तरह तैयार है, यहां तक कि केंद्र सरकार द्वारा इसके औपचारिक लॉन्च से पहले ही।
प्रोफेसर लाठर ने बताया कि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम NEP के सिद्धांतों के अनुरूप है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी पहले से ही चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पेश कर रहा है, जिसमें छात्रों के लिए 'मल्टीपल एंट्री और एग्जिट' (विभिन्न स्तरों पर प्रवेश और निकास) के विकल्प मौजूद हैं। यह नई नीति का एक प्रमुख प्रावधान है।
कुलपति ने आगे बताया कि NEP का एक मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना है ताकि छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम इसी दर्शन पर आधारित है, और छात्रों को उद्योगों की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है। अनुसंधान को बढ़ावा देना भी NEP का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिस पर विश्वविद्यालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
प्रोफेसर लाठर ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय पिछले आठ वर्षों से 'चॉइस-बेस्ड क्रेडिट सिस्टम' (CBCS) का सफलतापूर्वक पालन कर रहा है, जो छात्रों को अपनी पसंद के विषयों का चयन करने की स्वतंत्रता देता है। डिजिटलीकरण की दिशा में भी विश्वविद्यालय ने 2017 से ही कदम उठाए हैं, जिसमें ई-लर्निंग सामग्री, ऑनलाइन परीक्षा और डिजिटल प्रमाण पत्र शामिल हैं।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केवल डिग्री प्राप्त करना ही काफी नहीं है, बल्कि रोजगार पाने के लिए कौशल विकास और बदलते समय के साथ खुद को ढालना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी भारत के सबसे बड़े दूरस्थ शिक्षा विश्वविद्यालयों में से एक है, और यह यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) और डीईबी (दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो) द्वारा मान्यता प्राप्त है। कुलपति ने दोहराया कि विश्वविद्यालय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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