
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हाल ही में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को लेकर विवाद ने एक नई राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। इस विवाद का फायदा उठाते हुए भीम आर्मी और चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद पार्टी जैसे संगठन क्षेत्र में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
???? ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में आंबेडकर की प्रतिमा पर विवाद
मार्च 2025 में ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस प्रतिमा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जबकि एससी-एसटी-ओबीसी वकीलों ने इसे निंदनीय बताया और हाईकोर्ट बार का खुला विरोध करने की चेतावनी दी। इस विवाद ने क्षेत्र में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।
???? भीम आर्मी का प्रदर्शन और आरोप
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ग्वालियर में पैदल मार्च करते हुए IG ग्वालियर रेंज अरविंद सक्सेना के दफ्तर का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस, प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एक ज्ञापन सौंपा। उनका आरोप था कि ग्वालियर-चंबल अंचल में दलितों के खिलाफ लगातार अत्याचार हो रहे हैं।
???? राजनीतिक दलों का रुख
इस विवाद के बाद, भीम आर्मी और आज़ाद पार्टी ने क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। इन संगठनों ने दलितों के अधिकारों की रक्षा और समानता की बात करते हुए स्थानीय समुदायों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश की है।
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