
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में नामित किया है। यह कदम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। यह हमला भारत में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे भीषण घटनाओं में से एक माना गया है।
TRF और लश्कर-ए-तैयबा का संबंध
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि TRF, पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LET) का एक मुखौटा संगठन है। उन्होंने बताया कि TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है और इस संगठन को नामित करने का उद्देश्य आतंकवाद से लड़ने और निर्दोषों की हत्या करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बयान में ये भी जिक्र किया गया कि TRF ने पिछले वर्षों में भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए कई हमले किए हैं, विशेष रूप से 2024 के दौरान। आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और कार्यकारी आदेश 13224 के तहत इस नामांकन से संगठन और उसके सहयोगियों पर कठोर प्रतिबंध लगाए जा सकेंगे।
अमेरिकी प्रशासन की सख्त नीति
यह कदम अमेरिकी ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद-निरोध की नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा, और पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। TRF और इससे संबंधित सभी उपनामों को अब आधिकारिक रूप से लश्कर-ए-तैयबा के साथ जोड़कर FTO और SDGT की सूची में शामिल कर लिया गया है। यह निर्णय संघीय रजिस्टर में प्रकाशित होने के बाद प्रभावी होगा।
भारत ने किया अमेरिका के कदम का स्वागत
भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच X पर इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद-विरोधी सहयोग को और मजबूती प्रदान करता है। दूतावास ने कहा, "हम TRF को FTO और SDGT नामित करने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग की सराहना करते हैं। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही प्रतिनिधि है और 22 अप्रैल के हमले की जिम्मेदारी ले चुका है।"
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