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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा को लेकर हाल ही में एक अमेरिकी पत्रकार के सवाल ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चौंका दिया. यह सवाल 2017 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात के संदर्भ में था. हालांकि, इस सवाल का जवाब अमेरिकी प्रशासन द्वारा बड़ी सावधानी और स्पष्टता के साथ दिया गया, जिसमें भारत को अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया गया.

दरअसल, व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक पत्रकार ने अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल से सवाल पूछा था, "क्या आपको लगता है कि चीन को एक गंभीर खतरे के रूप में देखा जाना चाहिए? क्योंकि 2017 में जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे, तो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से गले मिलकर मुलाकात की थी, और सात साल हो गए हैं जब मोदी ने चीन का दौरा नहीं किया है. क्या ऐसा है कि चीन भारत के लिए अब कोई गंभीर खतरा नहीं है?"

इस सवाल पर वेदांत पटेल ने बड़े ही कूटनीतिक तरीके से जवाब दिया. उन्होंने कहा, "भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. हम भारत सरकार के साथ अपने संबंधों को लगातार गहरा कर रहे हैं. हम क्वाड (QUAD) के एक सक्रिय सदस्य हैं, जिसमें भारत भी शामिल है. हम भारत के साथ काम करना जारी रखेंगे क्योंकि हम एक स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए साझा प्रतिबद्धता रखते हैं." पटेल ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के साथ अपने गहरे संबंधों को महत्व देता है और दोनों देशों के बीच सहयोग कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जारी रहेगा.

अमेरिका भारत को चीन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता है. दोनों देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ रहा है. क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) समूह, जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह अमेरिकी प्रतिक्रिया भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और उसकी स्वतंत्र विदेश नीति को रेखांकित करती है, जहाँ वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार विभिन्न देशों के साथ संबंध बनाए रखता है.

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