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Up Kiran, Digital Desk: आत्मनिर्भर भारत" और "मेक इन इंडिया"... ये शब्द अब सिर्फ नारे नहीं रह गए हैं, बल्कि भारत की सैन्य ताकत की नई हकीकत बन चुके हैं। एक समय था जब भारत अपनी सेना की जरूरतों के लिए, छोटे हथियारों से लेकर बड़े लड़ाकू जहाजों तक के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह से बदल रही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया है कि भारत ने हाल ही में ₹1.20 लाख करोड़ से भी ज़्यादा कीमत के सैन्य साजो-सामान की खरीद भारतीय कंपनियों से की है। इसका मतलब है कि हमारी सेना के लिए हथियार, जहाज और दूसरे जरूरी उपकरण अब भारत में ही बनाए जा रहे हैं। यह "मेक इन इंडिया" अभियान की एक बहुत बड़ी सफलता है।

इसका क्या मतलब है: इसका सीधा सा मतलब है कि अब देश का पैसा देश में ही रहेगा, जिससे न सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इससे भी बड़ी बात यह है कि अब भारत को अपनी सुरक्षा के लिए किसी दूसरे देश के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। हमारी सेना पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत और आत्मनिर्भर बन रही है।

स्टील से लेकर शिप तक, सब 'मेड इन इंडिया

इस आत्मनिर्भरता का एक शानदार उदाहरण पेश किया है भारत की सरकारी स्टील कंपनी, सेल (Steel Authority of India Limited) ने। सेल अब भारतीय नौसेना के जंगी जहाजों और पनडुब्बियों को बनाने के लिए खास तरह का स्वदेशी स्टील मुहैया करा रही है।

यह कोई मामूली स्टील नहीं है। इसे डीएमआर (DMR) ग्रेड स्टील कहते हैं, जो बेहद मजबूत होता है और समुद्र के खारे पानी में भी खराब नहीं होता। पहले इस खास स्टील के लिए हमें दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब सेल इसे भारत में ही बना रही है। इस 'मेड इन इंडिया' स्टील से बने जहाज और पनडुब्बियां हमारी समुद्री सीमाओं को पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित बना रही हैं।

यह दिखाता है कि कैसे एक तरफ सरकार नीतियां बना रही है और दूसरी तरफ सेल जैसी भारतीय कंपनियां उस सपने को हकीकत में बदल रही हैं। रॉ-मटेरियल से लेकर फाइनल हथियार तक, सब कुछ भारत में ही तैयार हो रहा है। यह भारत की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता की वो कहानी है, जिस पर हर देशवासी को गर्व होगा।