
Up Kiran, Digital Desk: वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ रेड्डी ने हाल ही में तेदेपा-जनसेना-भाजपा गठबंधन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार ने राज्य की बहुमूल्य खदानों को अज्ञात और अपंजीकृत कंपनियों को 50 साल के लिए 'गिरवी' रख दिया, जिससे आंध्र प्रदेश को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। यह सीधे-सीधे एक बड़ा घोटाला है, जिसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
बुग्गना ने नायडू के 'विजन 2047' को भी आड़े हाथों लिया और इसे 'घोटाला' करार दिया। उनके मुताबिक, यह विजन राज्य के खजाने की कीमत पर निजी संस्थाओं को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि नायडू प्रशासन का 'भ्रष्टाचार का लंबा इतिहास' रहा है और वे हमेशा जन कल्याण से ऊपर अपने निजी हितों को प्राथमिकता देते रहे हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि खदानों को 50 साल की लंबी अवधि के लिए ऐसी कंपनियों को सौंप देना, जिनका कोई पिछला रिकॉर्ड या पहचान नहीं है, राज्य के राजस्व के साथ एक बड़ा धोखा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वाईएसआरसीपी सरकार ने खदानों से राजस्व को दोगुना कर दिया था, तो पिछली सरकार ने ऐसी विवादास्पद लीज क्यों दी।
इसके विपरीत, बुग्गना ने वाईएसआरसीपी सरकार की मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की सराहना की। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार का ध्यान हमेशा आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर रहा है और उन्होंने आंध्र प्रदेश के नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए कई पारदर्शी और प्रभावी योजनाएं लागू की हैं।
बुग्गना ने नवगठित गठबंधन को इन कथित अनियमितताओं पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दी है और उनसे शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया गठबंधन इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देता है।
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