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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में बिजली दरों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ अब वामपंथी दल सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] ने संयुक्त रूप से 5 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार की नीतियां आम जनता, किसानों और छोटे व्यवसायियों पर आर्थिक बोझ बढ़ा रही हैं।
वाम दलों ने जुलाई महीने में भी बिजली कार्यालयों के सामने धरने दिए थे, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब वे इस विरोध को और तेज करने के लिए कमर कस चुके हैं।
सीपीआई के राज्य सचिव के रामकृष्णा और सीपीआई(एम) के राज्य सचिव वी श्रीनिवास राव ने एक संयुक्त बयान में कहा कि बिजली शुल्कों में वृद्धि ने छोटे किसानों, कारीगरों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और आम उपभोक्ताओं का जीना मुहाल कर दिया है।
उनका कहना है कि फिक्स्ड चार्जेज, बिजली बिलों पर लगने वाले अधिभार (सरचार्ज) और ईंधन समायोजन शुल्क (FCA) जैसे अतिरिक्त शुल्कों ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है।
नेताओं ने याद दिलाया कि वर्तमान वाईएसआरसीपी सरकार ने चुनाव से पहले किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसने जनता पर बिजली दरों का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।
5 अगस्त को होने वाले विरोध प्रदर्शन के तहत राज्य भर के बिजली कार्यालयों पर वाम दल के कार्यकर्ता और समर्थक जुटेंगे। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस जनविरोधी नीति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट हों और प्रदर्शन में शामिल हों।
वाम दलों की मुख्य मांग है कि बिजली शुल्कों में की गई वृद्धि को तत्काल वापस लिया जाए और उपभोक्ताओं पर लगाए गए सभी अतिरिक्त शुल्कों को समाप्त किया जाए।
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