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Up Kiran, Digital Desk: ईद-उल-अजहा यानी बकरे की कुर्बानी का त्योहार इस महीने की 6-7 तारीख को मनाया जाएगा। इस दिन इस्लाम के अनुयायी बकरे या किसी अन्य जानवर की कुर्बानी देते हैं। लेकिन अब एक मुस्लिम देश ने इस कुर्बानी को लेकर बड़ा फैसला लिया है। 99 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इस्लामिक देश मोरक्को ने ईद के दिन बकरे या किसी अन्य जानवर की कुर्बानी न देने का आदेश जारी किया है।

मोरक्को के राजा मोहम्मद VI के शाही फरमान के बाद सुरक्षा बल बकरों की तलाश के लिए देशभर में जगह-जगह छापेमारी कर रहे हैं। बकरे के साथ पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। ईद के दिन बकरे की कुर्बानी देने का इस्लाम में बहुत महत्व है। लेकिन, अब जब राजा ने सीधे तौर पर आदेश दे दिया है तो देश के नागरिकों में काफी नाराजगी है।

क्यों लगाई गई कुर्बानी पर रोक

ऐसा कहा जाता है कि मोहम्मद ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि देश में भयंकर सूखे के कारण जानवरों की संख्या कम हो रही है। राजा ने लोगों से इस सप्ताह आने वाले बकरीद के त्यौहार को नमाज़ और दान के साथ मनाने और जानवरों की कुर्बानी से परहेज़ करने का आग्रह किया है। राजा के इस फ़ैसले के बाद अधिकारियों ने जानवरों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और घरों से कुर्बानी के लिए गुप्त रूप से लाए गए बकरों को ज़ब्त कर लिया है।

इस फ़ैसले के बारे में मुस्लिम देश क्या सोचते हैं

मोरक्को सरकार द्वारा लिए गए इस फ़ैसले पर दूसरे मुस्लिम देशों ने आपत्ति जताई है। दूसरे मुस्लिम देश सरकार पर धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, कुछ लोग सरकार के फ़ैसले से सहमत भी हैं।

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