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Up kiran,Digital Desk : कल्पना कीजिए, आप सुबह उठते हैं, चाय की चुस्की लेते हुए रात का CCTV फुटेज चेक करते हैं और अचानक आपके होश उड़ जाते हैं। आप देखते हैं कि देर रात, जब पूरा शहर सो रहा था, आपकी गली में जंगल का एक खूंखार शिकारी, एक तेंदुआ, बड़े ही शाही अंदाज में चहल-कदमी कर रहा था। यह कोई कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है सवाई माधोपुर की पटेल नगर कॉलोनी की, जो मशहूर रणथंभौर जंगल के बिलकुल पास बसी है।

रात 2 बजे... जब 'वो' चुपके से आया

सोमवार की देर रात, करीब 2 बजे, जब कॉलोनी में गहरा सन्नाटा पसरा था, रणथंभौर के जंगल से निकलकर एक तेंदुआ चुपके से इंसानी बस्ती में दाखिल हो गया। उसने न कोई शोर मचाया, न किसी को आहट दी। वह आम रास्ते से होता हुआ, गलियों में घूमता रहा और फिर चुपचाप जंगल की ओर लौट गया।

इस 'रात के मेहमान' की किसी को कानों-कान खबर तक नहीं होती, अगर यह पूरी घटना कॉलोनी के ही एक निवासी, मुकेश सतरवाल के घर के बाहर लगे CCTV कैमरे में कैद न हो जाती। सुबह जब मुकेश ने फुटेज देखा, तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। उनके घर के ठीक सामने से एक तेंदुआ गुज़र रहा था।

8 महीने में दूसरी बार... अब तो आदत डालनी पड़ेगी?

चिंता की बात यह है कि इस कॉलोनी में तेंदुए के आने की यह कोई पहली घटना नहीं है। ठीक आठ महीने पहले भी, इसी तरह एक तेंदुआ यहाँ देखा गया था।

रणथंभौर के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अब यह आम बात होती जा रही है। कभी खेतों में, तो कभी कॉलोनियों की सड़कों पर बाघ और तेंदुए जैसे जंगली जानवर दिख ही जाते हैं। एक तरफ जहाँ इससे लोगों में डर और दहशत का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ वन विभाग के अधिकारी भी हर समय अलर्ट पर रहते हैं। यह घटना एक बार फिर इंसान और जंगली जानवरों के बीच बढ़ते टकराव की उस कहानी को बयां करती  जहाँ जंगल सिकुड़ रहे  और जानवर इंसानी बस्तियों