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Up Kiran, Digital Desk: उत्तरी भारत में जारी मानसूनी कहर के बीच बुधवार को पंजाब के पठानकोट जिले से एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई। भारतीय सेना ने यहां माधोपुर हेडवर्क्स के पास फंसे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 22 जवानों और तीन आम नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
इन सभी लोगों को मंगलवार को आई तेज़ बरसात और बढ़ते जलस्तर के कारण माधोपुर क्षेत्र में एक इमारत में शरण लेनी पड़ी थी। स्थिति बिगड़ने पर बुधवार सुबह करीब छह बजे सेना ने विशेष बचाव अभियान चलाया। राहत की बात यह रही कि जिस इमारत में जवान और नागरिक फंसे हुए थे, वह अभियान पूरा होते ही भरभराकर गिर गई। सेना और स्थानीय प्रशासन की तत्परता ने इसे बड़े हादसे में बदलने से रोक दिया।
भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यह सफल ऐक्शन सेना की उस प्रतिबद्धता का उदाहरण है जिसमें हर परिस्थिति में आम लोगों और सुरक्षाबलों की जान की हिफ़ाजत सबसे पहली प्राथमिकता रहती है।”
पंजाब में बाढ़ का खतरा
पंजाब इस समय उत्तर भारत के अन्य राज्यों की तरह लगातार हो रही बारिश से बुरी तरह प्रभावित है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के कई इलाकों में मध्यम वर्षा की संभावना जताई है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी भारी बरसात हुई है, जिसका असर निचले क्षेत्रों पर पड़ा है। इन इलाकों से निकलने वाली सतलुज, व्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नाले उफान पर हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पौंग, भाखड़ा और रणजीत सागर बांधों से पानी छोड़ना पड़ा है। इसके चलते कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
सरकार की तैयारियाँ
राज्य सरकार ने संकट की स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए जालंधर स्थित सर्किट हाउस में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। वहीं, जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल और लाल चंद कटारूचक सहित कई मंत्री प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं।
मंत्री गोयल ने बताया कि जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्थल पर लगातार मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपात स्थिति को देखते हुए सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं ताकि जनता को समय पर राहत और सहायता पहुँचाई जा सके।
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