Up Kiran, Digital Desk: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां एक बार फिर जेल जाने की तलवार से बाल बाल बच गए हैं। उन्हें रामपुर की अदालत ने भड़काऊ भाषण से जुड़े एक मामले में सम्मानपूर्वक बरी कर दिया है। यह फैसला आजम खां के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है, क्योंकि उनके ऊपर चल रहे अनगिनत मामलों के बीच यह एक अहम जीत है।
सिविल लाइंस कोतवाली में आजम खां के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। इस केस में पिछले दिनों दोनों पक्षों की तीखी बहस पूरी हुई थी। मंगलवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फैसला सुनाया।
साक्ष्यों के अभाव में बरी
कोर्ट ने पाया कि आजम खां पर लगाए गए आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इसी आधार पर अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया। इतना ही नहीं, न्यायालय ने इस मामले के विवेचक यानी जांच अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। यह दर्शाता है कि जांच प्रक्रिया में कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई थी।
कोर्ट से निकलते ही आजम खां ने शुक्रिया अदा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह केवल पहले केस में बरी हुए हैं। उनका यह बयान उनके खिलाफ चल रहे बाकी मुकदमों की लंबी कानूनी लड़ाई की ओर इशारा करता है।
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