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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की सियासी धरती पर इन दिनों एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है, जो बीजेपी के लिए काफी 'फुलटॉस' साबित हो रहा है। राणाघाट से बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार का यह बयान कि अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करती है, तो भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगी कंटीली तारों की बाड़ हटा दी जाएगी और दोनों देश फिर एक हो जाएंगे, इस समय सोशल मीडिया पर तूल पकड़ चुका है। टीएमसी ने इस बयान को बीजेपी को घेरे में लेने का मौका माना और इसे जमकर हवा दी है। इस बयान पर अब तक बीजेपी के किसी बड़े नेता की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आइए, समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।

बीजेपी सांसद का विवादित बयान

बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार ने 30 अक्टूबर को कृष्णगंज में बीजेपी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा, "हमारी पार्टी चुनाव जीतने के बाद बांग्लादेश से हमें अलग करने वाली कंटीली तारों की बाड़ को हटा देगी। दोनों देश फिर से एक हो जाएंगे। हम हमेशा एक थे, और भविष्य में भी हम एक होंगे।" यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और टीएमसी ने इसे बीजेपी को घेरने का एक बड़ा अवसर मान लिया।

टीएमसी का तीखा जवाब

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बीजेपी पर हमला बोला। अभिषेक ने लिखा, "बीजेपी का यह पाखंड नई ऊंचाइयों को छूने वाला है। राणाघाट के बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार कह रहे हैं कि अगर बीजेपी सत्ता में आई, तो भारत-बांग्लादेश के बीच कोई सीमा नहीं रहेगी और दोनों देश एक हो जाएंगे। लेकिन यही बीजेपी सरकार, जिसमें अमित शाह भी शामिल हैं, बंगाल सरकार पर इल्जाम लगाती है कि वह सीमा सुरक्षा में किसी भी तरह का सहयोग नहीं कर रही है। यह सब कुछ कितना उलझा हुआ और विरोधाभासी है!"

अभिषेक ने तंज करते हुए यह भी कहा कि बीजेपी का मौन इस बात का संकेत है कि यह बयान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी से आया है।

सांसद की सफाई: विकास से बांग्लादेश जुड़ेगा

जगन्नाथ सरकार ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि टीएमसी ने उनके बयान का गलत अर्थ निकाला है। "मैंने कभी यह नहीं कहा कि बांग्लादेश को हटाना चाहिए। मेरा कहना था कि एक समय हम दोनों एक थे, और जब बीजेपी बंगाल में सत्ता में आएगी, तो हमारे विकास को देखकर बांग्लादेश भी हमसे जुड़ना चाहेगा।" उन्होंने कहा, "बंगाल को पहले 'सोनार बांग्ला' कहा जाता था। जब हम सत्ता में आएंगे, तो यहां की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में इतनी समृद्धि आएगी कि बांग्लादेश भी हमारे साथ आना चाहेगा।"

मुस्लिम वोटबैंक पर बीजेपी का रुख

जगन्नाथ सरकार ने अपने बयान में टीएमसी और वामपंथियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुसलमानों को यह गलतफहमी दी है कि बीजेपी मुस्लिम-विरोधी है। उन्होंने कहा, "बीजेपी विकास पर विश्वास करती है, न कि नफरत पर। बंगाल में टीएमसी और कम्युनिस्टों ने मुसलमानों को भ्रमित किया है, यही कारण है कि बीजेपी को वहां मुस्लिम वोट नहीं मिलते। लेकिन अगर आप गुजरात को देखें, तो वहां एक बड़ी मुस्लिम आबादी है जो राज्य के विकास से लाभ उठा रही है।"

बीजेपी की चुप्पी और अंदरूनी उलझन

जगन्नाथ सरकार के बयान के बाद बीजेपी के बड़े नेताओं की चुप्पी ने और भी सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पाल ने इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुए कहा, "हमारे सीनियर नेता इस मुद्दे पर विचार करेंगे।" यह बयान उस समय आया है जब बंगाल में इलेक्टोरल रोल्स की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर टीएमसी दबाव बना रही है, जबकि बीजेपी इसे बांग्लादेश से घुसपैठियों को खत्म करने के प्रयास के रूप में देखती है। टीएमसी इसे NRC लागू करने की चाल मानती है।