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बिलासपुर जिले की आधी सीटों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बदले जा सकते हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उठापटक की राजनीति तेज हो रही है। इन सबके बीच बीजेपी प्रत्याशियों को दूसरी लिस्ट का बेसब्री से इंतजार भी है।

कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके पहले ही बिलासपुर में कैंडिडेट बदले जाने की चर्चाएं इन दिनों तेज हो चली है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार बीजेपी छत्तीसगढ़ में कुछ नया करने का प्रयास कर रही है। इसलिए केवल विनिंग कैंडिडेट मैदान में उतारे जाएंगे।

बीजेपी चार विधान सभा क्षेत्र से प्रत्याशी बदल सकती है

ऐसे में बिलासपुर जिले को लोकसभा सीट के अनुसार देखा जाए तो यहां अलग अलग आठ विधानसभा सीट नजर आते हैं। जहां बीजेपी चार विधान सभा क्षेत्र से प्रत्याशी बदल सकती है। जिनमें बीजेपी गाइडलाइन्स के अनुसार निरंतर कर रही है। अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में 1995 से 2003, 2008, 2013 तक पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का कब्जा रहा है। इतना ही नहीं अमर अग्रवाल राज्य में बड़े विभागों में मंत्री भी रहे हैं। मगर साल 2018 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी के पहली बार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार शैलेश पांडे ने उन्हें भारी मतों से हरा दिया।

ऐसे में बहुत संभावना है कि इस बार पार्टी उन्हें टिकट देने की बजाय किसी ऐसे प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है जो कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे की तरह ब्राम्हण वर्ग से हो और बीजेपी की विचारधारा के साथ ज्यादा फिट बैठता हो। ऐसे वक्त में बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। कुछ बेहद पुराने आरएसएस पदाधिकारी भी इस सूची में सबसे आगे चल रहे हैं। बीजेपी ने जिन विधानसभा में कभी अपने चेहरे नहीं बदले, ऐसे प्रत्याशियों की लिस्ट बेहद आश्चर्यजनक ढंग से बदले जा सकते हैं।

बीजेपी ने मस्तूरी से डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी को बीते कई विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाये रखा है और मौजूदा समय में वे मस्तूरी विधान सभा के लोकप्रिय विधायकों में से एक हैं। इनके अलावा बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के जिताउ उम्मीदवारों में से एक बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का नाम है। कभी बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से हार का मुंह देख चुके धरमलाल कौशिक इस वक्त बीजेपी के विनिंग कैंडिडेट में से एक हो सकते हैं। मगर फिर भी दबी जुबान पर बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से कैंडिडेट बदले जाने की खबरें अभी से आने लगी है।

इन खबरों में कितनी सच्चाई है कि बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होते ही स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल बीजेपी में इस वक्त कई तरह के आतंरिक बदलाव देखे जा रहे हैं। पहली सूची ने ही साबित कर दिया था कि अब बीजेपी केवल विनिंग कैंडिडेट पर ही भरोसा करने वाली है। ऐसे में निरंतर पार्टी को जीत दिलाने वाले मुंगेली विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुन्नूलाल मोहले की बीते कुछ सालों में लोकप्रियता कम हुई है। फिलहाल पार्टी किसी भी उम्मीदवार को दोहरा नहीं सकती, जिसकी वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़े। ऐसे में अपने जीते हुए प्रत्याशियों को टिकट देने या ना देने पर संशय बना हुआ है।

वही उनकी बढ़ती उम्र भी देख कर पार्टी बदलाव कर सकती है। मगर मुंगेली में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस के बड़े कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए थे। लिहाजा कांग्रेस पार्टी भी मुंगेली विधानसभा क्षेत्र में अपने विनिंग कैंडिडेट को ढूंढने में समय लगा रही है। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि एक बार फिर से मुंगेली विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले की टिकिट बची रहेगी। 

सामान्यतः यहां के वोटर पार्टी को नहीं बल्कि कैंडिडेट देकर वोट करते हैं। ऐसे में निरंतर तीन बार से ज्यादा विधायक बन चुके धर्मजीत सिंह जिन्होनें जनता कांग्रेस छोड़कर हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है उन्हें बीजेपी लोरमी से टिकट देने पर विचार कर सकती है। 
 

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