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भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र के ऐलान के बाद से ही राजस्थान विधानसभा इलेक्शनों में एक नई हलचल, एक नई सरगर्मी पैदा हो गई है। भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र को लेकर बड़ी संकल्पित है और पार्टी का ये कहना है कि जो घोषणाएं, जो वादे हमने इस विधानसभा चुनावों के लिए किए हैं, अगर हमारी सरकार बनती है तो हम इन्हें पूरा करेंगे।

जिसमें कई खास मुद्दे हैं। सबसे ज्यादा आकर्षण जो पूरे घोषणा पत्र में संकल्प पत्र में अगर किसी चीज ने लिया है तो वह है पेपर लीक के मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन करना। ये सबसे अहम मुद्दा राजस्थान में जो बीते पांच सालों में रहा, अशोक गहलोत की सरकार में रहा, जिसमें अशोक गहलोत की सरकार को विफल माना जाता है कि सरकार पेपर लीक रोकने में अफल रही है।

अब भगवा दल ने यह वादा किया है कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है और पेपर लीक जैसा कोई मामला होता है या फिर जो पुराने पेपर लीक के मामले हैं तो इसमें जांच के लिए हम एसआईटी का गठन करेंगे।

आपको बता दें कि इससे युवाओं के वोट भारतीय जनता पार्टी की ओर जमकर पड़ सकते हैं। हालांकि युवा जो कांग्रेस से छिटकते जा रहे हैं, उसका एक बड़ा कारण पेपर लीक ही है। ऐसे में पेपर लीक को लेकर एसआईटी के गठन का यह जो एक चुनावी दांव भारतीय जनता पार्टी ने खेल दिया है, इससे देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में कितने मतदान होंगे और क्या कांग्रेस को इससे एक भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। 

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