Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए की शानदार जीत के बाद कांग्रेस में गंभीर चिंता देखने को मिल रही है। प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात कर भविष्य की रणनीति पर चर्चा करना चाहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस में हाल ही में किए गए संगठनात्मक बदलावों, खासकर जिलाध्यक्षों की नई नियुक्तियों को लेकर कई जगह असंतोष है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि यह बदलाव अगले विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी के तहत जरूरी था। चुनाव नतीजों के बाद उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में भी कांग्रेस नेताओं में बेचैनी दिखाई दी।
2014 के बाद से प्रदेश कांग्रेस लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निर्णायक जीत की तलाश में है। बिहार में लगातार दूसरी बार मिली हार ने भाजपा के लिए उत्साह बढ़ाया है, जबकि कांग्रेस नेताओं की चिंता और गहरी कर दी है। पार्टी नेतृत्व को डर है कि अगर अगले चुनाव की तैयारी अभी से गंभीरता से नहीं की गई तो स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
इस चिंता के चलते लगभग 12 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलने का समय मांगा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस के राज्य सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा से इस विषय पर विस्तृत चर्चा की।
ये नेता मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आगामी चुनाव में रणनीति और संगठनात्मक संरचना सही दिशा में हो। बिहार के हालिया नतीजों को देखते हुए उत्तराखंड में इसका असर न पड़े, यह उनकी प्राथमिक चिंता है।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि इस बैठक में शामिल होने वालों में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल और ईसम सिंह, पूर्व मंत्री ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, दो विधायक तिलक राज बेहड़ और मदन बिष्ट, पूर्व मंत्री प्रसाद नैथानी के साथ प्रदेश कांग्रेस महामंत्री मकबूल अहमद और याकूब कुरैशी, अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व अध्यक्ष हाजी सलीम खान, ओबीसी विभाग के पूर्व अध्यक्ष आशीष सैनी, प्रवक्ता सूरज नेगी और प्रदेश सचिव हाजी राव मुन्ना शामिल हैं।




