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Up Kiran, Digital Desk: आजकल हम डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के बारे में बहुत सुनते हैं, खासकर बढ़ती उम्र के लोगों में। इस गंभीर बीमारी को समझने के लिए दुनियाभर में शोध चल रहे हैं, और एक नई रिसर्च सामने आई है जिसने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस अध्ययन से पता चला है कि हमारे शरीर में एक ऐसा आम जीन वैरिएंट (जीन का एक प्रकार) मौजूद हो सकता है जो खास तौर पर पुरुषों में डिमेंशिया होने का खतरा दोगुना कर देता है।

यह जीन वैरिएंट कोई बहुत दुर्लभ चीज़ नहीं है, बल्कि यह काफी आम है और हमारे शरीर में ABO नाम के जीन से जुड़ा है, खासकर इसका rs685920 नाम का वैरिएंट। यह वही जीन है जो हमारे ब्लड ग्रुप (A, B, AB, O) को तय करने में भूमिका निभाता है। अध्ययन में देखा गया कि जिन पुरुषों में यह खास वैरिएंट मौजूद होता है, उनमें भविष्य में डिमेंशिया विकसित होने की संभावना उन पुरुषों के मुकाबले लगभग दोगुनी हो जाती है जिनमें यह वैरिएंट नहीं होता।

 यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि यह खोज अभी शुरुआती है और सिर्फ एक जीन ही डिमेंशिया का कारण नहीं होता। डिमेंशिया एक बहुत जटिल बीमारी है जिसके पीछे जीन, जीवनशैली, पर्यावरण और अन्य कई कारक जिम्मेदार होते हैं। लेकिन इस अध्ययन की अहमियत यह है कि इसने एक विशिष्ट जेनेटिक कनेक्शन पर रोशनी डाली है, खासकर पुरुषों के लिए।

इस तरह के शोध हमें यह समझने में मदद करते हैं कि कौन लोग डिमेंशिया के ज़्यादा जोखिम में हो सकते हैं। भविष्य में शायद इस जानकारी का उपयोग करके जोखिम वाले लोगों की पहचान जल्दी की जा सके और उन्हें डिमेंशिया की रोकथाम या देरी करने के तरीकों के बारे में सलाह दी जा सके।

हमारे जीन कैसे हमारी सेहत पर असर डालते हैं, और डिमेंशिया जैसे जटिल रोग को समझने के लिए जेनेटिक्स पर रिसर्च कितनी ज़रूरी है। यह पुरुषों के स्वास्थ्य और डिमेंशिया के जोखिम मूल्यांकन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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