
Up Kiran, Digital Desk: देश भर के कई नगर निगमों द्वारा स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर मांस की दुकानें और बूचड़खाने बंद करने के फैसले पर विपक्षी नेताओं ने तीखी आलोचना की है। उनका कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध उस स्वतंत्रता के विचार के विपरीत हैं जिसकी हम जयंती मना रहे हैं।
विपक्ष का सवाल: "आज़ादी के दिन ही प्रतिबंध क्यों?"
समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने 15 अगस्त को प्रतिबंध लगाने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता दिवस पर, हर नागरिक को देश की आज़ादी पर गर्व और खुशी महसूस करनी चाहिए। लेकिन अगर हम उस आज़ादी का जश्न प्रतिबंध लगाकर मनाएं, तो यह कितना उचित है?"
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "सबसे पहले, उन्हें अपने ही कैबिनेट मंत्री, किरण रिजिजू की राय लेनी चाहिए, जो कहते हैं कि वे बीफ़ खाते हैं। सबसे पहले उनसे यह सवाल पूछना अधिक उचित होगा।"
कांग्रेस और AIMIM की भी कड़ी आलोचना
इस भावना का समर्थन करते हुए, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। मसूद ने कहा, "आप (सरकार) बीफ निर्यात में नंबर एक बनेंगे लेकिन लोगों को खाने नहीं देंगे।" उन्होंने इस कदम को पाखंडी और व्यक्तिगत पसंद का उल्लंघन बताया।
सबसे कड़ी आलोचना हैदराबाद सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने की, जिन्होंने 15 और 16 अगस्त (बाद वाला दिन जन्माष्टमी है) को बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद करने के ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) के आदेश की निंदा की।
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