_1306347517.png)
Up Kiran , Digital Desk: मोदी सरकार ने बांग्लादेश को एक तगड़ा झटका देते हुए उसके रेडीमेड वस्त्र प्रोसेस्ड फूड और अन्य उत्पादों के आयात पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह फैसला ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश ने चीन और पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है।
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अब बांग्लादेश से आने वाले कई उत्पादों को भारत में केवल कुछ चुने हुए बंदरगाहों न्हावा शेवा और कोलकाता पोर्ट से ही अनुमति दी जाएगी। पूर्वोत्तर राज्यों के ज़रिए आयात पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पूर्वोत्तर सीमा पर रणनीतिक सख्ती
भारत सरकार का यह कदम बांग्लादेश द्वारा चीन की मदद से लालमोनिरहाट एयरबेस को दोबारा सक्रिय करने की योजना के जवाब में माना जा रहा है। ये एयरबेस भारत के संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर — जिसे 'चिकन नेक' कहा जाता है — के बेहद करीब है। माना जा रहा है कि यह परियोजना भारत की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकती है।
बांग्लादेश के पीएम मोहम्मद यूनुस ने अपने हालिया चीन दौरे के दौरान इस एयरबेस परियोजना पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चर्चा की थी। इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी चिंता जताई है क्योंकि यह एयरबेस भारत-बांग्लादेश सीमा से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सिलीगुड़ी कॉरिडोर: भारत की जीवनरेखा
सिलीगुड़ी कॉरिडोर को आम बोलचाल में 'चिकन नेक' कहा जाता है उत्तर-पूर्व भारत के सात राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र ज़मीनी रास्ता है। यही कारण है कि यह क्षेत्र भारत के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मोहम्मद यूनुस के बयान ने बढ़ाई तल्ख़ी
यूनुस ने चीन में दिए गए एक भाषण में कहा था “भारत के पूर्वोत्तर के सात राज्य जो पूरी तरह लैंडलॉक्ड हैं उनके लिए समुद्री रास्ता केवल बांग्लादेश ही है। यह हमारे लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से एक बड़ा अवसर है।” भारत ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए इसे अप्रत्यक्ष दबाव की नीति के तौर पर देखा।
ट्रांसशिपमेंट सुविधा भी छीनी
इससे पहले 9 अप्रैल को भारत ने बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को भी रद्द कर दिया था। इस सुविधा के तहत बांग्लादेश भारत की ज़मीन का इस्तेमाल करके मिडिल ईस्ट यूरोप और अन्य बाजारों में सामान भेज सकता था। अब यह सुविधा केवल नेपाल और भूटान के लिए ही वैध रहेगी।
भारत का रुख स्पष्ट
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने स्पष्ट किया कि यह पोर्ट प्रतिबंध केवल भारत में आयात होने वाले बांग्लादेशी सामान पर लागू होगा। नेपाल और भूटान की ओर जाने वाले ट्रांजिट कार्गो पर इसका असर नहीं पड़ेगा। हालांकि रेडीमेड कपड़ों और प्रोसेस्ड फूड्स के लिए ज़मीनी रास्ते अब पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं।
--Advertisement--