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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में लंदन के बोनहम्स में हुई एक ऑनलाइन नीलामी में महात्मा गांधी की एक बेहद दुर्लभ पेंटिंग ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। मंगलवार को हुई इस नीलामी में इस खूबसूरत तैलचित्र की कीमत 1,52,800 पाउंड यानी लगभग 1.7 करोड़ रुपये रही। गौरतलब है कि यह रकम पेंटिंग की अनुमानित कीमत से तीन गुना ज़्यादा थी।
अपेक्षित कीमत से तीन गुना
ब्रिटिश कलाकार क्लेयर लीटन की इस पेंटिंग का शीर्षक 'महात्मा गांधी का चित्र' था। लीटन परिवार इस पेंटिंग की कीमत लगभग 57-80 लाख रुपये होने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन इस पेंटिंग ने 1.7 करोड़ रुपये तक पहुँचकर सबको चौंका दिया।
इस तस्वीर में क्या खास है
इस पेंटिंग की सबसे खास बात यह है कि ऐसा माना जाता है कि यह एकमात्र ऐसी पेंटिंग है जिसके लिए महात्मा गांधी स्वयं पोर्ट्रेट मुद्रा में बैठे थे और कलाकार ने उनके सामने बैठकर यह अद्भुत तैलचित्र बनाया था। यही कारण है कि इस पेंटिंग का ऐतिहासिक महत्व अमूल्य है।
1974 के एक हमले में बच गई
लीटन परिवार के अनुसार, यह पेंटिंग 1974 में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखी गई थी। उस समय एक कार्यकर्ता ने इस पेंटिंग पर हमला किया था। बाद में इसकी मरम्मत करवाई गई। यही वजह है कि लीटन परिवार को उम्मीद नहीं थी कि यह पेंटिंग इतनी ऊँची कीमत पर बिकेगी।
94 साल बाद बिकी, इस पेंटिंग के पीछे क्या कहानी है
ये पेंटिंग 1931 की है, जब महात्मा गांधी दूसरे गोलमेज सम्मेलन के लिए लंदन गए थे। इस पेंटिंग के निर्माण के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। चित्रकार क्लेयर लीटन उस समय प्रसिद्ध राजनीतिक पत्रकार हेनरी नोएल के साथ प्रेम संबंध में थीं। हेनरी भारत की स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक थे। इसी परिचय के फलस्वरूप हेनरी की महात्मा गांधी से मुलाकात हुई और उसी दौरान क्लेयर लीटन को भी गांधीजी से मिलने का अवसर मिला।
इस मुलाकात के दौरान लीटन ने गांधीजी का एक चित्र बनाने का अनुरोध किया और गांधीजी ने सहमति दे दी। गांधीजी चित्रांकन की मुद्रा में बैठे और क्लेयर ने उन्हें कैनवास पर उकेर दिया। गांधीजी को भी यह तैलचित्र बहुत पसंद आया। 94 वर्षों के बाद अब ये दुर्लभ चित्र नीलामी में बिका है, जिसने एक बार फिर गांधीजी की स्मृति को आलोकित कर दिया है।
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