img

Up Kiran, Digital Desk: बंगाल की खाड़ी में एक नया चक्रवाती तूफान उठा है, जिसका नाम 'मोंथा' है। ये नाम सुनने में जितना सुंदर और नरम लगता है, तूफान उतना ही खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं इस तूफान के नाम की कहानी और इससे जुड़ी कुछ खास बातें।

'मोंथा' नाम का मतलब और कहां से आया?

'मोंथा' नाम थाईलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका मतलब होता है 'एक सुगंधित फूल' या 'एक खूबसूरत फूल'। ये नाम भले ही बहुत प्यारा हो, लेकिन मौसम विभाग ने इस तूफान को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है।

तूफानों के नाम कैसे रखे जाते हैं: क्या आपने कभी सोचा है कि इन तूफानों के नाम कौन और कैसे रखता है? दरअसल, हिंद महासागर में उठने वाले तूफानों का नाम भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) तय करता है। इसके लिए 13 देशों का एक पैनल बनाया गया है, जिसमें भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान और थाईलैंड जैसे देश शामिल हैं।

जब किसी तूफान की हवा की रफ्तार 62 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो जाती है, तो उसे 'चक्रवाती तूफान' का दर्जा दिया जाता है और पैनल द्वारा पहले से तय की गई लिस्ट में से अगला नाम उसे दे दिया जाता है। नाम रखने का मकसद ये होता है कि तूफान की पहचान करने, चेतावनी जारी करने और बचाव कार्यों में आसानी हो।

'मोंथा' तूफान का सफर: मौसम विभाग के अनुसार, 'मोंथा' तूफान अक्टूबर 2025 के अंत में बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में शुरू हुआ।समुद्र के गर्म तापमान और हवा की अनुकूल दिशाओं के कारण यह जल्दी ही ताकतवर हो गया। IMD ने अनुमान लगाया है कि 'मोंथा' एक 'गंभीर चक्रवाती तूफान' बनकर आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ेगा।

सावधानी बरतना क्यों जरूरी है: 'मोंथा' का सुंदर नाम हमें यह याद दिलाता है कि हमें किसी भी चेतावनी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और आधिकारिक चेतावनियों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है। तेज हवाओं, भारी बारिश और समुद्री लहरों से नुकसान का खतरा बना हुआ है।