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Up Kiran, Digital Desk:  महाराष्ट्र के पुणे में अंधविश्वास के नाम पर एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक ढोंगी महिला ने खुद को 'शंकर बाबा की बेटी' बताकर एक शिक्षित परिवार से 1.4 करोड़ रुपये ऐंठ लिए यह परिवार अपनी दो बीमार बेटियों के इलाज के लिए इस महिला के झांसे में आया था.

यह मामला पुणे के कोथरूड इलाके का है, जहां रहने वाले एक आईटी पेशेवर दीपक डोलस ने पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार को शिकायत देकर इस धोखाधड़ी का खुलासा किया.

ऐसे फंसाया परिवार को अपने जाल में

 

पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, पीड़ित परिवार की दो बेटियां किसी बीमारी से पीड़ित थीं. इसी दौरान वे दीपक जनार्दन खडके नाम के एक व्यक्ति के जरिए वेदिका कुणाल पंढरपूरकर और उसके पति कुणाल पंढरपूरकर के संपर्क में आए. खडके ने परिवार को यकीन दिलाया कि वेदिका शंकर बाबा की बेटी है और उसके पास दिव्य शक्तियां हैं, जिनसे वह उनकी बेटियों की बीमारी को ठीक कर देगी

पूजा और 'दैवीय शक्तियों' के नाम पर छह साल तक चली लूट

 

पीड़ित परिवार के मुताबिक, साल 2019 से यह ठगी का सिलसिला शुरू हुआ. वेदिका ने उन पर यह विश्वास जमा लिया कि शंकर बाबा खुद उसके शरीर में आते हैं और बात करते हैं. उसने परिवार को डराया कि उनकी बेटियों की बीमारी गंभीर है और इसे ठीक करने के लिए बहुत सारा पैसा लगेगा.

परिवार इस झांसे में पूरी तरह आ गया और उन्होंने अपनी संपत्ति बेचनी शुरू कर दी. यहां तक कि उन्होंने विदेश में स्थित अपना घर और जमीन भी बेच दी और सारा पैसा वेदिका और उसके साथियों को दे दिया. यह ठगी करीब छह साल तक चलती रही, जिसमें परिवार ने लगभग 1.4 करोड़ रुपये गंवा दिए.

ऐसे हुआ धोखाधड़ी का पर्दाफाश

 

तीन साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जब बेटियों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो परिवार को शक होने लगा. जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो वेदिका और उसके साथियों ने आनाकानी शुरू कर दी. इसके बाद परिवार को एहसास हुआ कि उनके साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी हुई है और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को आगे की जांच के लिए भेज दिया गया है यह घटना समाज में फैले अंधविश्वास और धर्म की आड़ में होने वाली ठगी का एक बड़ा उदाहरण है, जहां पढ़े-लिखे लोग भी इसका शिकार हो जाते हैं.