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पंजाब पशुपालन विभाग से लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे 4 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। जबकि 6 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी कर ली गई है। जानकारी के अनुसार पशुपालन विभाग इस समय पशु डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जबकि विभाग के 29 डॉक्टर लंबे समय से अनुपस्थित थे। जबकि 13 डॉक्टरों के विरुद्ध जांच अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। विभाग द्वारा कुल 59 डॉक्टरों को निशाना बनाया गया है।
डॉक्टरों की बर्खास्तगी के पीछे कारण क्या
जानकारी के मुताबिक, विदेशों में पशु डॉक्टरों की काफी मांग है, जिसके चलते पशुपालन विभाग के डॉक्टर नौकरी के दौरान लंबी छुट्टियां लेकर विदेश चले जाते हैं। इसके बाद वह वहीं रहने लगता है। यहां रहते हुए वो अनुपस्थित रहते हैं। हाल ही में जब विभाग ने ऐसे डॉक्टरों की जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
विभागीय सूत्रों से पता चला है कि 59 ऐसे पशु चिकित्सक पाए गए जो लंबे समय से अवकाश पर थे, जिसके बाद इन डॉक्टरों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई। विभागीय आंकड़ों से पता चलता है कि एक सितंबर 2024 से अब तक चार डॉक्टरों को बर्खास्त किया जा चुका है। जबकि 29 पशु चिकित्सक अनुपस्थित हैं। छह मामलों में पशु डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है।
उनकी बर्खास्तगी के आदेश कभी भी जारी किये जा सकते हैं। 13 मामलों में जांच अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं तथा 7 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है। जिन मामलों की जांच पूरी हो चुकी है, उन्हें खारिज करने के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
ऐसी स्थिति क्यों पैदा हो रही
महत्वपूर्ण बात यह है कि पशुपालन विभाग में पहले से ही पशु डॉक्टरों की कमी है। विभाग ने 450 पशु डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पंजाब लोक सेवा संघ को पत्र लिखा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि विदेशों में पशु डॉक्टरों की भारी मांग है। वहां डॉक्टरों की आय भी सरकारी वेतन से अधिक है।
यही कारण है कि पशु चिकित्सक विदेश में अपना भविष्य बनाने में अधिक रुचि दिखाते हैं। जब पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव राहुल भंडारी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है। विभाग समय-समय पर इसकी समीक्षा करता रहता है।
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