
Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम जारी करने से ठीक पहले एक अहम और छात्र-हितैषी फैसला लिया है। बोर्ड ने रिजल्ट घोषित होने के बाद होने वाली प्रक्रियाओं, जैसे अंकों के वेरिफिकेशन (जांच) और उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation या री-चेकिंग) के नियमों में बदलाव किया है।
क्या है नया नियम?
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब छात्र अपनी उत्तर पुस्तिकाओं (आंसर-शीट्स) की फोटोकॉपी, नंबरों के वेरिफिकेशन या री-इवैल्यूएशन के लिए आवेदन करने से पहले प्राप्त कर सकेंगे।
पहले क्या होता था?
मौजूदा सिस्टम के तहत, छात्र पहले अपने अंकों के वेरिफिकेशन के लिए अप्लाई करते थे। इसके बाद वे चाहें तो अपनी आंसर-शीट की फोटोकॉपी के लिए आवेदन करते थे, और फिर आखिर में री-इवैल्यूएशन (पुनर्मूल्यांकन) के लिए अप्लाई करते थे।
अब क्या होगा?
पहले मिलेगी आंसर-शीट की फोटोकॉपी: छात्र सबसे पहले अपनी जाँची हुई आंसर-शीट की फोटोकॉपी प्राप्त करने के लिए आवेदन करेंगे।
फिर वेरिफिकेशन या री-इवैल्यूएशन: फोटोकॉपी देखने के बाद छात्र यह तय कर सकेंगे कि उन्हें अंकों के वेरिफिकेशन (जिसमें नंबर जोड़ने या किसी बिना जाँचे प्रश्न की जांच शामिल है) के लिए आवेदन करना है या किसी प्रश्न/उत्तर के पुनर्मूल्यांकन (री-इवैल्यूएशन) के लिए, या फिर दोनों के लिए।
छात्रों को क्या फायदा होगा?
CBSE ने अपने आधिकारिक नोटिस में बताया है कि इस नई प्रणाली से छात्रों को काफी मदद मिलेगी। अब वे री-चेकिंग या वेरिफिकेशन के लिए आवेदन करने से पहले खुद अपनी आंसर-शीट देख पाएंगे। इससे उन्हें यह साफ पता चल जाएगा कि उन्हें किस सवाल पर कितने नंबर मिले हैं, टीचर ने क्या टिप्पणी लिखी है, या कहीं कोई गलती तो नहीं हुई है।
बोर्ड ने कहा, "आंसर-शीट की फोटोकॉपी मिलने के बाद छात्र यह बेहतर तरीके से तय कर पाएगा कि उसे सिर्फ नंबरों के वेरिफिकेशन की जरूरत है या किसी उत्तर के पुनर्मूल्यांकन की।" इससे छात्रों का समय और पैसा दोनों बच सकता है, क्योंकि वे सोच-समझकर ही आगे की प्रक्रिया के लिए आवेदन करेंगे।
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