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Up Kiran, Digital Desk: संसद के मानसून सत्र में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आने वाला है, जब देश के दो प्रमुख नेता - विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा - राज्यसभा को एक खास 'ऑपरेशन सिंदूर' पर संबोधित करेंगे। यह संबोधन इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति से जुड़े किसी संवेदनशील विषय पर जानकारी दी जा सकती है, जिसके बारे में अब तक ज़्यादा खुलासा नहीं किया गया है।

आज का एजेंडा: 'ऑपरेशन सिंदूर' पर ब्रीफिंग

यह संबोधन 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित महत्वपूर्ण विवरणों और उसके उद्देश्यों पर केंद्रित होगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर का इस विषय पर बोलना यह संकेत देता है कि इस ऑपरेशन का संबंध कहीं न कहीं भारत की विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों या किसी वैश्विक घटनाक्रम से हो सकता है। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का इसमें शामिल होना बताता है कि यह विषय न केवल राष्ट्रीय महत्व का है, बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं और नीतियों से भी जुड़ा है।

राज्यसभा में यह ब्रीफिंग सांसदों को इस 'ऑपरेशन सिंदूर' की बारीकियों, इसके पीछे के कारणों और इसके संभावित प्रभावों से अवगत कराएगी। आमतौर पर ऐसे संवेदनशील मामलों पर सांसदों को विस्तृत जानकारी दी जाती है ताकि वे सरकार के फैसलों और रणनीतियों को बेहतर ढंग से समझ सकें।

संसद सत्र की गहमागहमी के बीच अहमियत

संसद का मानसून सत्र पहले से ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर गरमाया हुआ है। ऐसे में, विदेश मंत्री और सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष द्वारा किसी विशेष 'ऑपरेशन' पर संबोधन करना सदन का ध्यान आकर्षित करेगा। इससे न केवल विपक्ष को इस मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछने का अवसर मिलेगा, बल्कि सरकार को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने और अपनी उपलब्धियों या रणनीतियों को सामने रखने का मौका मिलेगा।

यह देखना दिलचस्प होगा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' आखिर क्या है और इसका देश के लिए क्या महत्व है। इस संबोधन से कई अटकलों पर विराम लगने की उम्मीद है और देश को इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन के बारे में आधिकारिक जानकारी मिलेगी। यह घटनाक्रम आज संसद के एजेंडे में सबसे ऊपर रहने की उम्मीद है और सबकी निगाहें राज्यसभा में होने वाली इस ब्रीफिंग पर टिकी रहेंगी।

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