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Up Kiran, Digital Desk: देश की सुरक्षा से जुड़ी एक बहुत ही चौंकाने वाली और गंभीर खबर सामने आई है। जांच एजेंसियों ने एक ऐसे बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक पाकिस्तानी महिला जासूस ने न केवल CRPF के एक अधिकारी को अपने जाल में फंसाया, बल्कि सेना और दूसरे सरकारी विभागों के करीब 15 और अधिकारियों से भी संपर्क साधा था।

कैसे बिछाया गया यह 'हनी ट्रैप' का जाल?

यह पूरा मामला 'हनी ट्रैप' का एक क्लासिक उदाहरण है।

एक पाकिस्तानी महिला जासूस, जिसे खुफिया एजेंसियों की भाषा में 'हैंडलर' कहा जाता है, खूबसूरत प्रोफाइल फोटो और फर्जी नाम के साथ भारतीय जवानों और सरकारी अधिकारियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती थी।

इसके बाद मैसेंजर पर मीठी-मीठी बातों का सिलसिला शुरू होता था। पहले दोस्ती की जाती, फिर धीरे-धीरे भरोसा जीता जाता।

जब उसे यकीन हो जाता कि सामने वाला व्यक्ति उसके जाल में फंस चुका है, तब वह पैसों का लालच देकर या किसी और तरह से ब्लैकमेल करके देश की खुफिया जानकारी मांगना शुरू कर देती थी।

CRPF अधिकारी के जरिए हुआ खुलासा

ताजा मामला जम्मू में तैनात एक CRPF अधिकारी से जुड़ा है। जांच में पता चला है कि यह अधिकारी उस महिला जासूस के संपर्क में था और आरोप है कि उसने पैसों के बदले में उसे सेना की गतिविधियों से जुड़ी कुछ संवेदनशील जानकारियां दी थीं।

लेकिन जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सबके होश उड़ा दिए।

एजेंसियों को पता चला कि यह महिला जासूस सिर्फ इस एक अधिकारी के संपर्क में नहीं थी, बल्कि उसने सेना और अन्य सरकारी विभागों के करीब 15 और अधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश की थी।

क्या जानकारी मांगी जा रही थी?

इस जासूस का मुख्य मकसद था:

सेना की टुकड़ियों की तैनाती (Troop movements) की जानकारी लेना।

हथियारों और सैन्य उपकरणों के बारे में पता करना।

सरकारी दफ्तरों से जुड़ी अंदरूनी जानकारी हासिल करना।

कैसे लगी इस नेटवर्क की भनक?

इस पूरे नेटवर्क की भनक तब लगी, जब आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) DRDO के एक वैज्ञानिक से जुड़े एक पुराने हनी ट्रैप मामले की जांच कर रहा था। उसी जांच की कड़ियां जोड़ते-जोड़ते एजेंसियां इस बड़े नेटवर्क तक पहुंच गईं।

दुश्मन देश अब जंग के मैदान के साथ-साथ हमारे फोन और कंप्यूटर के जरिए भी देश में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है, खासकर अगर आप किसी संवेदनशील पद पर काम कर रहे हैं।