img

Up Kiran, Digital Desk: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को निर्धारित की गई है। इस चरण में 121 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। चुनाव आयोग द्वारा इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है – 'होम वोटिंग'। यह पहल विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते, जैसे 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता।

'होम वोटिंग' सुविधा का लाभ उठाने के लिए क्या करना होगा?

इस साल के चुनाव में पहली बार बिहार में होम वोटिंग की सुविधा दी जा रही है। हालांकि, यह सुविधा सभी के लिए उपलब्ध नहीं है। सिर्फ वे लोग इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं जिनकी उम्र 85 साल से अधिक है या जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 85 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 4.03 लाख और 7.20 लाख दिव्यांग मतदाता हैं।

यह सुविधा उन मतदाताओं को घर बैठे मतदान का अवसर देती है। इसके लिए, मतदाताओं को चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से फॉर्म 12D भरकर अपने रिटर्निंग ऑफिसर को 5 दिनों के भीतर जमा करना होगा। इसके बाद, चुनाव आयोग की टीम घर-घर जाकर मतदाताओं से उनका बैलेट लेकर मतदान प्रक्रिया पूरी करेगी। यह प्रक्रिया दो दिनों तक चलेगी।

पहले की तरह पोस्टल बैलेट की सुविधा

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी पोस्टल बैलेट के जरिए बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोविड मरीजों को वोट डालने का अवसर मिला था। इस बार भी वही सुविधा लागू की गई है।

बिहार में दो चरणों में मतदान

बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए इस बार मतदान दो चरणों में होगा। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा। इस बार बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 14 लाख से अधिक युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 18-19 साल के बीच है और यह पहली बार मतदान करेंगे। चुनाव आयोग ने राज्यभर में कुल 90,712 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं।