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Up Kiran, Digital Desk:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ऐलान के साथ ही राज्य में चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए कड़ी आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। इस बार चुनावी नियम इतने सख्त हैं कि न सिर्फ प्रत्याशियों, बल्कि आम जनता के लिए भी यह बदलाव महसूस किए जाएंगे। आइए जानते हैं क्या-क्या नए नियम चुनावी परिदृश्य को बदलने वाले हैं।
सरकारी संसाधनों का चुनाव प्रचार में उपयोग पूरी तरह बंद, मंत्रियों की सुविधाएं सीमित
चुनाव के दौरान अब सरकार के संसाधनों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। मंत्रियों और सत्ताधारी दल के नेताओं को सरकारी वाहनों या हेलीकॉप्टर का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं मिलेगा। वे केवल निजी या किराए के वाहन ही इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका खर्च चुनावी रिकॉर्ड में शामिल होगा। साथ ही, सरकारी वेबसाइटों से नेताओं की तस्वीरें हटाना भी अनिवार्य है। यह कदम चुनावी अभियान को पारदर्शी बनाने और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
नई योजनाओं और विज्ञापनों पर रोक, बिना अनुमति प्रचार बंद
चुनाव के दौरान कोई नई सरकारी योजना लॉन्च नहीं की जा सकेगी ताकि सत्ता पक्ष का गलत फायदा न हो। इसके अलावा, सभी प्रचार सामग्री, विज्ञापन और प्रसारण के लिए पहले से अनुमति लेना जरूरी होगा। बिना मंजूरी के किसी भी प्रकार का प्रचार या विज्ञापन निषिद्ध होगा। इससे चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और ईमानदारी बनी रहेगी।
भड़काऊ बयानबाजी पर कड़ी रोक, राजनीति हो नीति केंद्रित
निर्वाचन आयोग ने सभी पार्टियों को निर्देश दिए हैं कि वे सांप्रदायिकता या जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले बयान न दें। आलोचना सीमित होकर केवल नीतियों और योजनाओं तक रहनी चाहिए। ऐसे भाषणों पर कड़ी कार्रवाई होगी ताकि चुनावी माहौल तनावमुक्त और स्वस्थ रहे।
सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए सख्त नियम, अवैध पोस्टर-बैनर हटाना होगा
चुनाव के दौरान सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने वाले पोस्टर, बैनर आदि को तुरंत हटाना होगा। 1985 के बिहार प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत ऐसे कार्यों पर कार्रवाई की जाएगी। इससे सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित होगी और अव्यवस्था से बचा जा सकेगा।
सभा-जुलूस के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक, शोर-शराबा पर नियंत्रण
चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी सार्वजनिक सभा या जुलूस को आयोजित करने से पहले अनुमति लेना जरूरी होगा। आयोजनों में वाहनों की संख्या दस से अधिक नहीं हो सकती। शोर-शराबा को सीमित रखने के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा। मतदान से 48 घंटे पहले तो लाउडस्पीकर पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों का चुनावी उपयोग बंद रहेगा।
मतदान केंद्रों के आसपास प्रचार पर पाबंदी, मतदाताओं को मिलेगा शांत मतदान का वातावरण
मतदान के दिन मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करने या भीड़ जमा करने पर प्रतिबंध होगा। मतदाताओं को शराब देने या चुनावी ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी पूरी तरह रोक है। केवल 1 से 3 वाहनों को ही मतदान के दिन अनुमति मिलेगी और अन्य वाहनों को जब्त किया जा सकता है। मतदान अधिकारियों के साथ सहयोग करना हर उम्मीदवार और पार्टी के लिए अनिवार्य होगा ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
निष्पक्ष चुनाव के लिए कदम बढ़ाए गए, लोकतंत्र की मजबूती होगी
इन नियमों का मुख्य मकसद चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाना है। इससे न केवल उम्मीदवारों को बल्कि आम जनता को भी विश्वास होगा कि उनका वोट सही मायनों में सम्मानित होगा। बिहार में इस बार की आचार संहिता चुनावी भ्रष्टाचार, धनबल और अवैध गतिविधियों को खत्म करने का प्रयास है जिससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हों।