_2008624806.png)
Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में चाहे चुनाव की आधिकारिक घोषणा न हुई हो मगर सियासी पारा आसमान छूने लगा है। गर्म हवा की तरह उड़ती खबरों तेज़ होती बयानों की गूंज और अंदर ही अंदर सुलगते गठबंधन के तनाव ने संकेत दे दिया है कि रणभूमि तैयार है बस बिगुल फूंका जाना बाकी है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जो एक दशक से अधिक समय से सत्ता के वनवास में है अब हर मोर्चे पर अपनी वापसी की कोशिशों में जी-जान से जुटी है। मगर हर बार जैसे किस्मत कोई नया कांटा बिछा देती है कभी परिवार में उठती कलह की चिंगारी कभी सहयोगी दलों की नाखुशी की तपिश। चुनावी युद्धभूमि में बीजेपी से सीधे दो-दो हाथ करने से पहले ही लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को अपनों के ही घेरे में फंसना पड़ रहा है। आरजेडी सत्ता के सिंहासन की ओर कूच करने से पहले ही सियासी चक्रव्यूह में बुरी तरह उलझ चुकी है।
2005 से अब तक: सत्ता की अधूरी कहानियां
2005 में जब आरजेडी सत्ता से बेदखल हुई तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह वनवास इतना लंबा होगा। बीच में दो बार सत्ता का स्वाद मिला भी तो वो भी नीतीश कुमार की रहनुमाई में। तेजस्वी यादव ने 2020 में सत्ता की देहरी तक तो पहुंच बना ली थी मगर आखिरी पायदान पर बीजेपी-जेडीयू की दीवार खड़ी हो गई। इस बार आरजेडी फिर से सपनों को पंख देने की कोशिश में है मगर उन पंखों को तेज प्रताप यादव के बर्ताव की गर्म लपटें जला रही हैं।
तेज प्रताप यादव: एक बगावती रेखा
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव जिनका जीवन जितना सियासी रहा है उतना ही निजी विवादों से घिरा भी। हाल ही में उनकी अनुष्का यादव के साथ वायरल हुई तस्वीरों ने पार्टी के भीतर तूफान ला दिया। पहले से विवाह-बंधन में बंधे तेज प्रताप और ऐश्वर्या राय के रिश्ते की दरारें सार्वजनिक हो चुकी थीं और अब नई तस्वीरों ने लालू परिवार को मुश्किल में डाल दिया।
तेज प्रताप की हरकतों पर सिर्फ पार्टी नहीं बल्कि खुद लालू के साले साधु यादव भी सख्त आलोचक बनकर सामने आए। उन्होंने तेज प्रताप पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि लालू परिवार सब कुछ पहले से जानता था। इस विवाद की चिंगारी सिर्फ घर तक नहीं रही अब वो पूरी पार्टी के चूल्हे को झुलसाने लगी है।
जब पारिवारिक बवंडर से चुनावी रणनीति हिलने लगे
अनुष्का यादव के भाई विकास यादव (उर्फ आकाश) भी खुलकर मैदान में आ गए हैं। आकाश ने लालू यादव के फैसले को "मुगल-ए-आज़म की तर्ज़ पर लिया गया फरमान" बताते हुए जमकर आलोचना की। उनका कहना है कि यह लोकतंत्र है न कि दरबारी हुकूमत। पारिवारिक झगड़ा अब सार्वजनिक मोर्चे में तब्दील हो गया है जो चुनाव से ऐन पहले पार्टी की रणनीतिक स्थिरता को कमजोर कर रहा है।
तेजस्वी का चेहरा मगर बिना चेहरा चुनाव
तेजस्वी यादव को आरजेडी ने भले ही अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया हो मगर कांग्रेस की ओर से अभी भी इस पर पूर्ण सहमति नहीं दिख रही। कांग्रेस चाहती है कि चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाए। उसे डर है कि अगर तेजस्वी चेहरा होंगे तो गैर-यादव वोट बैंक में सेंध लग सकती है। वामपंथी दल भी तेजस्वी को लेकर उतने सहज नहीं हैं। इस सियासी असहमति ने महागठबंधन की एकता में बालू की दीवार खड़ी कर दी है।
सीट बंटवारे की तलवार
महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। आरजेडी जहां 150 से ज्यादा सीटों पर खुद लड़ना चाहती है वहीं कांग्रेस 60–70 सीटों की दावेदारी कर रही है। लेफ्ट दलों को सीमित सीटें दी जा रही हैं और छोटे दलों को भी संतुष्ट करना एक बड़ी चुनौती है। यदि यह संतुलन नहीं बैठा तो गठबंधन अंदर से ही दरक सकता है।
नीतीश और मोदी: दुर्जेय जोड़ी
आरजेडी के लिए सबसे बड़ी चुनौती नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की अडिग जोड़ी है। नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से बिहार की राजनीति की धुरी बने हुए हैं। उनके पास सामाजिक समीकरणों की मजबूत पकड़ है चाहे वह अतिपिछड़ा वर्ग हो महिलाएं हों या गैर-यादव ओबीसी। जब इस अनुभवी नेता के साथ प्रधानमंत्री मोदी का करिश्माई चेहरा मंच पर आता है तो सियासी हवा का रुख बदलना तय हो जाता है।
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिहार की धरती से ही पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनके हर भाषण में राष्ट्रवाद की झलक दिखेगी जो खासकर पहली बार वोट देने वाले युवाओं को आकर्षित कर सकती है।
ओवैसी और पीके: परिधि के खिलाड़ी मगर असरदार
आरजेडी के पारंपरिक मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने को तैयार बैठे हैं असदुद्दीन ओवैसी। सीमांचल की मुस्लिम बहुल सीटों पर उनकी नजर है। वहीं प्रशांत किशोर अब रणनीतिकार से नेता बन चुके हैं और 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान करके आरजेडी को सीधी चुनौती दे चुके हैं।
पीके का एजेंडा साफ है बीजेपी को चुनौती देना नहीं बल्कि तेजस्वी को रोकना। उनके लगातार हमलों ने आरजेडी के जनाधार को अस्थिर कर दिया है।
--Advertisement--