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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान की राजनीति में एक नई हलचल उस समय देखने को मिली, जब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संस्थापक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल के निवास पर बिजली विभाग ने कार्रवाई करते हुए विद्युत कनेक्शन बंद कर दिया। यह कार्रवाई विद्युत बिल में भारी बकाया के चलते की गई है, जिससे राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

11 लाख से अधिक की बकाया राशि, बार-बार चेतावनी के बाद कार्रवाई

अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) ने जानकारी दी कि नागौर स्थित जिस आवास की बिजली काटी गई, वह हनुमान बेनीवाल के बड़े भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम से पंजीकृत है। जून 2025 तक इस कनेक्शन पर कुल ₹10,75,658 की बकाया राशि दर्ज थी। विभाग ने इस मामले में कुल पांच बार नोटिस भेजे, लेकिन भुगतान न होने के कारण 2 जुलाई को कनेक्शन समाप्त कर दिया गया।

एक बार में दो लाख जमा, लेकिन वादा अधूरा रह गया

प्रेमसुख बेनीवाल ने 27 मार्च 2025 को दो लाख रुपये की आंशिक राशि जमा कर विभाग को यह आश्वासन दिया था कि शेष रकम किश्तों में अदा की जाएगी। साथ ही, उन्होंने बिल विवाद को सुलझाने के लिए मामले को समझौता समिति में भेजने हेतु आवेदन भी किया था। हालांकि, अब तक न तो समिति की फीस जमा हुई और न ही कोई प्रक्रिया शुरू हो सकी।

विभाग ने अन्य कनेक्शन भी किए सीज

बिजली विभाग ने महज मुख्य आवास का कनेक्शन ही नहीं काटा, बल्कि प्रेमसुख बेनीवाल से जुड़े अन्य विद्युत कनेक्शन भी बंद कर दिए हैं। इस कदम के बाद विभाग के अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और कैमरे के सामने आने से परहेज़ किया।

बेनीवाल परिवार की सफाई, मामला समिति में लंबित

पूर्व विधायक और हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया में स्पष्ट किया कि संबंधित कनेक्शन प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर है और यह मामला फिलहाल समझौता समिति में विचाराधीन है। उनका कहना है कि समिति जब कोई निर्णय देगी, उसके बाद ही शेष राशि का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत विभाग की ओर से अभी तक कोई अंतिम आदेश नहीं आया है।

राजनीतिक रंग लेने की संभावना

इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी सरगर्मी बढ़ा दी है। संभावना है कि विपक्ष इस घटना को 'कानून की समानता' का उदाहरण बताते हुए भुनाने की कोशिश करे, वहीं RLP इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई के तौर पर प्रस्तुत कर सकती है। हनुमान बेनीवाल प्रदेश में अपने स्पष्टवादी रुख और सरकार विरोधी तेवरों के लिए जाने जाते हैं, ऐसे में यह घटना एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकती है।

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