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Up Kiran, Digital Desk:मध्य प्रदेश के उज्जैन में दो भाइयों ने एक दिलचस्प और अनोखी योजना बनाई है। इन दोनों भाइयों ने कबाड़ के एक 55 सीटों वाले हवाई जहाज को सिर्फ 50 लाख रुपये में खरीदा और अब इसे एक लग्जरी रूम वाले होटल में बदलने का इरादा है। यह हवाई जहाज पहले भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधीन था, लेकिन अब यह अनोखे व्यवसाय का हिस्सा बन चुका है।

कबाड़ में एक हवाई जहाज? हकीकत में है
अगर कोई आपसे कहे कि उसने कबाड़ में एक हवाई जहाज खरीदा है, तो शायद आप यकीन न करें। लेकिन ये सच है। दो भाइयों ने 50 लाख रुपये में यह प्लेन खरीदा और अब इसका रूप बदलने के लिए काम कर रहे हैं। इस विमान को अब उज्जैन में एक आलीशान होटल के कमरे के रूप में बदलने की योजना है, जहां पर्यटक इसका अनुभव कर सकेंगे।

विमान का इतिहास और बीएसएफ का उपयोग
इस विमान की कहानी कुछ दिलचस्प है। इसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा एचसीएल (HCL) को सौंपा गया था और फिर 1991 में इसे बीएसएफ को ट्रांसफर किया गया। बीएसएफ इस विमान का उपयोग मेडिकल इमरजेंसी में सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए करती थी। 2009 तक इसे इस्तेमाल किया गया, फिर इसे कबाड़ घोषित कर दिया गया और दिल्ली एयरपोर्ट पर रखा गया। अब यह विमान नए मालिकों के पास पहुंच चुका है।

मूल योजना से पर्यटन तक का सफर
यह विमान अब उज्जैन में करोंदिया गांव स्थित अनंता विलेज फार्म स्टे पर रखा गया है। दोनों भाइयों का उद्देश्य इसे एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनाना है, जहां लोग इसे देख सकेंगे और यहां बने कमरों में ठहर सकते हैं।

विमान की विशालता और परिवहन लागत
इस विमान का आकार विशाल है, इसका वजन 20 टन और लंबाई 70 फीट है। इसके दोनों पंखों की लंबाई 50-50 फीट है। इसे दिल्ली से उज्जैन लाने में कुल पांच लाख रुपये का खर्च आया था। विमान की मुख्य बॉडी को 70 फीट लंबे ट्रॉले पर और पंखों को 50 फीट लंबे ट्रॉले पर लाया गया था।