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Up Kiran, Digital Desk: बांदा जिले के बबेरू तहसील में एक पुराने ब्राह्मण परिवार का मकान प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई में ढहा दिया गया, जिससे स्थानीय समुदाय में गहरी नाराजगी और चिंता फैल गई है। यह घटना तब सामने आई जब परिवार के पास मौजूद पुराने दस्तावेज और कागजात के बावजूद बिना किसी पूर्व सूचना के उनका सैकड़ों साल पुराना घर गिरा दिया गया। इस कार्रवाई ने न केवल परिवार को बेघर किया, बल्कि पूरे इलाके में आक्रोश और असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई में परिवार के बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे बिना किसी सहारे के बारिश में खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। वे इसे न्याय के बजाय अन्याय की तरह देख रहे हैं, खासकर जब देशभर में प्रधानमंत्री और प्रदेश सरकार के स्तर पर कमजोर वर्गों को आवास सुविधा मुहैया कराने की बात हो रही है। लोगों का आरोप है कि कुछ प्रभावशाली स्थानीय नेता अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल करते हुए निर्दोष परिवारों को उनकी जमीन और मकान से बेदखल कर रहे हैं।

इस घटना ने सामाजिक सामंजस्य को भी प्रभावित किया है और प्रशासन की कार्रवाई के तरीकों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जहां एक ओर सरकार गरीबों और वंचितों के लिए योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसी विवादित घटनाएं जनता के बीच असंतोष और विश्वासघात की भावना को जन्म दे रही हैं। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में उचित संवाद और समाधान निकाल पाएगा या फिर ऐसे फैसले समुदायों के बीच दरार को और गहरा करेंगे।

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