Up Kiran, Digital Desk: ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसका नाम सुनते मन में डर बैठ जाता है। अक्सर लोग इसके शुरुआती लक्षणों, जैसे लगातार होने वाले सिरदर्द, को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि ब्रेन ट्यूमर का असर सिर्फ सिर तक सीमित नहीं रहता। हमारा दिमाग शरीर के हर फंक्शन को कंट्रोल करता है, इसलिए दिमाग के जिस हिस्से में ट्यूमर बनता है, शरीर के उस हिस्से से जुड़े कामों पर इसका सीधा असर दिखने लगता है।
अलग-अलग हिस्सों में ट्यूमर होने पर शरीर कैसे संकेत देता है, आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
1. फ्रंटल लोब (Frontal Lobe): सोचने-समझने और भावनाओं का केंद्र
यह दिमाग का अगला हिस्सा होता है, जो हमारी पर्सनैलिटी, सोचने-समझने की शक्ति, फैसला लेने की क्षमता और भावनाओं को नियंत्रित करता है।
यहां ट्यूमर होने पर: व्यक्ति के स्वभाव में अचानक बदलाव आ सकता है। वह उलझन में रह सकता है, किसी एक चीज पर ध्यान लगाना मुश्किल हो सकता है, और उसकी सूंघने की शक्ति भी कम हो सकती है। कुछ मामलों में शरीर के एक हिस्से में कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
2. टेंपोरल लोब (Temporal Lobe): सुनने, सीखने और याददाश्त का गढ़
यह दिमाग का वह हिस्सा है जो हमारे कानों के ठीक ऊपर होता है। इसका काम आवाजों को समझना, नई चीजें सीखना और यादों को सहेजना है।
यहां ट्यूमर होने पर: व्यक्ति को चीजें याद रखने में परेशानी होने लगती है, उसे दौरे पड़ सकते हैं और कभी-कभी ऐसी आवाजें या गंध महसूस हो सकती है जो असल में होती ही नहीं हैं।
3. पेरिएटल लोब (Parietal Lobe): भाषा और स्पर्श का प्रोसेसर
दिमाग का यह हिस्सा हमारी भाषा को समझने की क्षमता, पढ़ने-लिखने और स्पर्श (जैसे ठंडा, गरम या दर्द) को महसूस करने की शक्ति को नियंत्रित करता है।
यहां ट्यूमर होने पर: व्यक्ति को बात करने या दूसरों की बात समझने में मुश्किल हो सकती है। उसे शरीर के एक हिस्से में सुन्नपन महसूस हो सकता है या फिर चीजों को छूकर पहचानने में दिक्कत आ सकती है।
4. ओसिपिटल लोब (Occipital Lobe): हमारी आंखों का मॉनिटर
यह दिमाग का पिछला हिस्सा होता है, जिसका सीधा संबंध हमारी आंखों से होता है। यह हमें चीजों को देखने और पहचानने में मदद करता है।
यहां ट्यूमर होने पर: व्यक्ति की आंखों की रोशनी एक तरफ से कम हो सकती है या उसे धुंधला दिखना शुरू हो सकता है।
5. ब्रेन स्टेम और सेरिबैलम (Brain Stem and Cerebellum): शरीर के संतुलन और सर्वाइवल का स्विच
ब्रेन स्टेम: यह दिमाग को रीढ़ की हड्डी से जोड़ता है और हमारी सांस लेने, दिल की धड़कन और शरीर के तापमान जैसी सबसे जरूरी क्रियाओं को कंट्रोल करता है।
सेरिबैलम: यह हमारे चलने-फिरने, मांसपेशियों के तालमेल और शरीर का संतुलन बनाने के लिए जिम्मेदार है।
इन हिस्सों में ट्यूमर होने पर: व्यक्ति को चलने में लड़खड़ाहट महसूस हो सकती है, शरीर का संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता और उसे निगलने या बोलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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