budget 2025: बजट में इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बजट में ईवी बैटरी और उनके लिए आवश्यक 35 घटकों पर सीमा शुल्क समाप्त कर दिया है। इसका प्रत्यक्ष लाभ इलेक्ट्रिक वाहनों की सस्ती कीमतों के रूप में दिखेगा तथा इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के लिए वित्त पोषण में भी 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
पिछले बजट में केंद्र सरकार ने ईवी उद्योग की योजनाओं के लिए 4,434 करोड़ 92 लाख रुपये वितरित किए थे। इसमें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए लागू बजटीय प्रावधान में 5322 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि ईवी बैटरियों के लिए कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी अपशिष्ट, सीसा, जस्ता और अन्य जैसे प्रमुख घटकों पर प्राथमिक सीमा शुल्क समाप्त किया जा रहा है, और ईवी बैटरियों के लिए आयात किए जाने वाले घटकों पर आयात शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है। कम किया हुआ। इससे कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन की लागत कम हो जाएगी। इसके नतीजे में इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो जायेंगे।
केंद्र सरकार 2019 से लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 'फेम' (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना की शुरुआत कर रही है। इस योजना के तहत कंपनियों को प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी गई, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले उपभोक्ताओं को उन वाहनों पर सब्सिडी दी गई।
इस वर्ष के बजट में इसमें बदलाव किया गया है और FAME योजना को धनराशि उपलब्ध कराने के स्थान पर 'पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन' नामक नई योजना शुरू की गई है तथा इसमें धनराशि स्थानांतरित की गई है। इस नई योजना का दायरा 'फेम' योजना से अधिक है।
आज कई स्थानीय कंपनियां ईवी वाहनों के लिए आवश्यक बैटरियों पर काम कर रही हैं। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस उद्योग को मजबूत करने के लिए सीमा शुल्क में कमी से इन उद्यमियों को लाभ होगा और सरकार की मंशा बैटरी विनिर्माण में भारत को विश्व में अग्रणी देश के रूप में विकसित करने की है।
अब तक 16 लाख 15 हजार वाहनों की खरीद
FAME योजना के लिए सरकार के समर्थन के लाभ अब तक स्पष्ट रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक 16 लाख 15 हजार ईवी वाहन खरीदे जा चुके हैं। इसमें 14 लाख 27 हजार दोपहिया वाहन, 1 लाख 59 हजार तिपहिया वाहन, 22 हजार 548 चार पहिया वाहन, 5131 बसें आदि शामिल हैं।
अब तक 10,985 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी गई
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने अब तक 10,985 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है। स्वीकृत चार्जिंग स्टेशनों में से 8,800 का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है।
क्या कीमतें गिर जाएंगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण की लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा बैटरी पर खर्च होता है। कल की घोषणा के परिणामस्वरूप बैटरियों के आंतरिक घटकों की लागत में कमी आएगी। परिणामस्वरूप, इन वाहनों की विनिर्माण लागत भी कम हो जाएगी। यदि उत्पादन लागत कम हो जाएगी तो कंपनियां वाहनों की कीमतें कम कर देंगी। इसलिए उपभोक्ता भी सस्ती कीमत पर ईवी वाहन खरीद सकेंगे।