
Up Kiran, Digital Desk: भारत और मॉरीशस ने अपनी दोस्ती को एक नए मुकाम पर पहुंचाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। दोनों देश अब डॉलर जैसी विदेशी मुद्राओं पर अपनी निर्भरता कम करते हुए अपनी-अपनी स्थानीय करेंसी में ही द्विपक्षीय व्यापार करेंगे। यह ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मॉरीशस के समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ एक अहम बैठक के बाद किया।
"हमारे सपने और किस्मत एक हैं"
मीडिया से बात करते हुए, पीएम मोदी ने दोनों देशों के गहरे रिश्तों पर जोर दिया और बेहद भावुक अंदाज में कहा, "हम दो देश हैं, लेकिन हमारे सपने और हमारी किस्मत एक है।"
उन्होंने कहा कि एक आजाद, खुला, सुरक्षित और समृद्ध हिंद महासागर भारत और मॉरीशस, दोनों की साझा प्राथमिकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, भारत मॉरीशस के समुद्री आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा और क्षमता को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पीएम ने कहा, "भारत हिंद महासागर क्षेत्र में हमेशा 'फर्स्ट रिस्पॉन्डर' (सबसे पहले मदद करने वाला) और 'नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर' (सुरक्षा मुहैया कराने वाला) रहा है।"
मॉरीशस की 'ऐतिहासिक जीत' पर बधाई
पीएम मोदी ने चागोस द्वीप समूह पर हुए समझौते को लेकर मॉरीशस की जनता और प्रधानमंत्री रामगुलाम को बधाई दी। उन्होंने इसे मॉरीशस की संप्रभुता के लिए एक "ऐतिहासिक जीत" बताया। आपको बता दें कि हाल ही में, 50 से अधिक वर्षों के बाद, ब्रिटेन एक ऐतिहासिक सौदे के तहत चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को वापस सौंपने पर सहमत हुआ है। पीएम मोदी ने कहा, "भारत ने हमेशा मॉरीशस की संप्रभुता का पूरा समर्थन किया है और इस मामले में हमेशा मजबूती से मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है।"
'ज्ञान भारतम' पोर्टल होगा लॉन्च
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह भी जानकारी दी है कि पीएम मोदी 12 सितंबर को भारत की पांडुलिपि विरासत पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसी मौके पर वह 'ज्ञान भारतम' पोर्टल भी लॉन्च करेंगे, जो पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, संरक्षण और उन तक आम लोगों की पहुंच को तेज करने का एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा।