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CM Dhami Action: उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक कर राज्य में विकास और जनसुविधाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया। इस बैठक में सीएम ने जिलाधिकारियों को साफ शब्दों में निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में पब्लिक सर्विस डिलीवरी को मजबूत करें, सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने, पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने और जंगलों में लगने वाली आग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएं। यह बैठक न केवल प्रशासनिक दक्षता को परखने का मौका थी, बल्कि सीएम के उस संकल्प को भी दर्शाती है, जिसमें जनता की मूलभूत जरूरतों को प्राथमिकता दी जा रही है।

सड़क, बिजली, पानी पर निगरानी का जोर

सीएम धामी ने मीटिंग में सड़क निर्माण और मरम्मत कार्यों पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने जिलाधिकारियों से आग्रह किया कि वे बिजली और पानी की आपूर्ति में किसी भी तरह की कोताही न बरतें और इनकी लगातार निगरानी करें। "जनता का भरोसा तभी कायम रहेगा, जब उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी," सीएम ने कहा। इसके साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा को लेकर भी संवेदनशीलता दिखाई और निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा और सहायता मिले, ताकि उनकी यात्रा सुखद और सुरक्षित रहे।

शिकायतों का त्वरित निपटारा और अतिक्रमण पर सख्ती

CM ने जन समस्याओं के समाधान को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने जिलाधिकारियों को हेल्पलाइन नंबर 1905 और 1064 जैसे पोर्टलों पर दर्ज शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके अलावा, अवैध अतिक्रमण और अवैध मदरसों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। सीएम ने कहा, "कानून का राज कायम करना हमारी जिम्मेदारी है। किसी भी तरह की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

वन अग्नि और विभागीय कार्यों पर नजर

राज्य में गर्मियों के दौरान जंगलों में आग की घटनाएं एक बड़ी चुनौती रही हैं। इसे देखते हुए सीएम ने वन अग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिलाधिकारियों को विशेष प्लान तैयार करने को कहा। साथ ही, सभी विभागीय कार्यों की मॉनिटरिंग और सत्यापन अभियान में तेजी लाने पर जोर दिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ बेहतर तालमेल की जरूरत भी रेखांकित की, ताकि योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंच सकें।

ये मीटिंग सीएम धामी के उस विजन को साफ तौर पर दर्शाती है, जिसमें प्रशासन को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने जिलाधिकारियों को यह भी संदेश दिया कि उनकी प्राथमिकता जनता की सेवा होनी चाहिए, न कि सिर्फ कागजी कार्यवाही। चारधाम यात्रा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उनका फोकस इस बात का सबूत है कि सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना चाहती है।