ucc in uttarakhand: उत्तराखंड के सीएम सिंह धामी ने घोषणा की कि राज्य ने राष्ट्र के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक विधानमंडल में पेश किया है। इसे 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से पहले राज्य में लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मसौदा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और यूसीसी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्तराखंड ने पहली बार फर्जी धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून भी बनाए हैं।
जानें UCC में क्या क्या शामिल
- विवाह की आयु: सभी धर्मों में लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है।
- विवाह पंजीकरण: विवाह के छह महीने के भीतर अनिवार्य पंजीकरण, अनुपालन न करने पर 25,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।
- तलाक: पति और पत्नी दोनों के लिए तलाक के समान आधार और आधार।
- बहुविवाह: बहुविवाह के खिलाफ सख्त प्रावधान, मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपवाद की अनुमति, लेकिन अन्य धर्मों में 'एक पति-एक पत्नी' नियम लागू करना।
- संपत्ति अधिकार: उत्तराधिकार में लड़के और लड़कियों के लिए समान अधिकार, चल और अचल संपत्तियों को व्यापक रूप से परिभाषित करते हुए संपत्ति को परिभाषित करना।
- लिव-इन रिलेशनशिप: सहवास के लिए पंजीकरण जरुरी है; विवाहित व्यक्ति लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकते। ऐसे रिश्तों से पैदा हुए बच्चों को पूरे अधिकार दिए गए हैं। यह कानून स्थायी निवासियों, सरकारी कर्मचारियों और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों पर लागू होगा जो कम से कम एक साल से राज्य में रह रहे हैं।
बता दें कि कानून का पूरा मसौदा आधिकारिक वेबसाइट www.ucc.uk.gov.in पर जनता के देखने के लिए उपलब्ध है।
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