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Up Kiran, Digital Desk: अयोध्या केवल एक पवित्र नगरी नहीं, बल्कि हमारी आस्था और इतिहास का एक अटूट केंद्र है। लेकिन अब, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता (Vision) के चलते यह नगरी एक ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रही है। उनकी रणनीति यह है कि अयोध्या को केवल धार्मिक पर्यटन के स्थल तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे ग्लोबल आध्यात्मिक पर्यटन (Global Spiritual Tourism) के सबसे बड़े 'हब' (Hub) के रूप में स्थापित किया जाए।

बदल रही है 'श्री राम' की नगरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ़ कर दिया है कि राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या की ओर पूरी दुनिया की नज़र है। इसी वजह से यहां बुनियादी सुविधाओं के विकास पर अभूतपूर्व काम हो रहा है। पहले यहाँ आना मुश्किल था, सड़कों पर हमेशा ट्रैफिक रहता था, लेकिन अब एयरपोर्ट (Airport), अंतरराज्यीय बस स्टेशन और चौड़ी-साफ़ सड़कें बनाकर दर्शनार्थियों के लिए 'सुविधा' पहली प्राथमिकता है।

इस तेज़ गति से किए गए विकास का एक ही मकसद है: यहां के स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार पैदा करना, और लाखों देशी-विदेशी सैलानियों को ऐसा वर्ल्ड-क्लास अनुभव देना जो किसी और धार्मिक स्थल पर मिलना मुश्किल हो।

दीपोत्सव है 'पहचान' और पर्यटन है ‘भविष्य: हर साल होने वाला भव्य दीपोत्सव (Deepotsav) अयोध्या की बदलती पहचान का प्रतीक बन चुका है। यह त्योहार एक ग्लोबल आकर्षण बन गया है, जो यहां पर्यटकों को भारी संख्या में खींच रहा है। योगी सरकार जानती है कि जब कोई भी अंतर्राष्ट्रीय यात्री (International Traveler) यहां आएगा, तो उसे केवल सुंदर मंदिर ही नहीं चाहिए, बल्कि अच्छे होटल, रेस्टोरेंट, साफ़-सफाई, कनेक्टिविटी और सुरक्षा भी चाहिए।

इसी सोच के साथ, CM योगी ने अपनी सारी ऊर्जा लगाई है ताकि इस आध्यात्मिक नगरी में अध्यात्म के साथ-साथ आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर भी हो। संक्षेप में, उत्तर प्रदेश अयोध्या को केवल भक्ति का केंद्र नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को जोड़ने वाला एक ऐसा बड़ा पर्यटन Hub बना रहा है, जहां संस्कृति और आर्थिक विकास का मेल होता है।